Jind: पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते साल की पहली बारिश ने लोगों को सूखी ठंड से राहत दिलाने का काम किया। जिले में कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी तो कुछ स्थानों पर हलकी बारिश हुई। जिसने किसानों के चेहरे पर भी खुशी ला दी। बुधवार को अधिकतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, जबकि न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की वृद्धि हुई। दिनभर बादलों तथा सूर्य के बीच अठखेलियां चलती रही। हलकी फुव्वार भी गिरी। पिछले 24 घंटों के दौरान जिले में दो एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार वीरवार को भी बारिश की संभावना है। इस दौरान 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवाएं चल सकती हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने अगले दो से तीन दिनों तक फसल में सिंचाई और स्प्रे रोकने की सलाह दी।
किसानों को मिली राहत, सूखी ठंड से थे परेशान
पिछले डेढ़ माह से कड़ाके की ठंड तथा तापमान जमाव बिंदू पर पहुंच गया था। फसलों पर ठंड का असर साफ देखने को मिल रहा था। मौसम के करवट लेने के बाद हुई बूंदाबांदी से किसानों को कुछ राहत मिली है। बूंदाबांदी फसलों के लिए फायदेमंद है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी कि वो अपने खेतों की नियमित रूप से निगरानी रखें। मौसम गेहूं में पीला रत्तुआ और सरसों में सफेत रत्तुआ के अनुकूल बना हुआ है। सरसों में चेपा आ सकता है। इसलिए सफेद रत्तुआ और चेपा के लक्षण दिखें तो तुरंत कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क करें और वैज्ञानिकों द्वारा सुझाव लेकर दवा का छिड़काव करें।
एक व दो फरवरी को बारिश की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार एक व दो फरवरी को जिले में हलकी से मध्यम दर्जे की बारिश के आसार बने हुए हैं। चार फरवरी तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। पश्चिम विक्षोभ के कारण बुधवार और वीरवार को हल्की बारिश हो सकती है। इस दौरान अधिकतम तापमान 14 से 20 डिग्री तक रहेगा तो न्यूनतम तापमान 7 से 10 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है। इस दौरान तेज गति से हवाएं चलेंगी।
दो फरवरी तक मौसम रहेगा परिवर्तनशील
पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने बताया कि दो फरवरी तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा और इस दौरान बारिश की संभावना बनी रहेगी। इस दौरान अधिकतम तापमान 14 से 20 डिग्री तक रहेगा तो न्यूनतम तापमान 7 से 10 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है। तेज गति से हवाएं चलेंगी। इसके बाद मौसम खुलने के आसार हैं। यह बारिश किसानों के लिए वारदान साबित होगी। क्योंकि बारिश की बूंदों से जहां फसलों में बीमारी खत्म हो जाएगी तो वहीं फसल अच्छी ग्रोथ करेगी। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि मौसम को देखते हुए सिंचाई का कार्य रोक दें। फसलों में अल, चेपा दिखाई देने पर उन टहनियों को तोड़ कर नष्ट कर दें। पशुओं को बाड़े के अंदर रखें।