हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र शुरू होने की तारीख फाइनल हो गई है। 13 नवंबर से हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होगा। इसको लेकर सीएम सैनी ने राज्यपाल को पत्र लिखा था और 25 अक्टूबर को एक दिवसीय सत्र भी बुलाया गया था। हरियाणा विधानसभा सचिव की तरफ से सभी विधायकों को इसकी जानकारी दे दी गई है। इस दौरान कुछ विधेयक पारित होने की उम्मीद है। वहीं इस विधानसभा में विधायक अपने क्षेत्रों को लेकर बनाई गई रणनीति और क्षेत्र के एजेंडे सामने रखेंगे। 

कांग्रेस अभी तक विधायक दल के नाम को लेकर असमंजस में है, कांग्रेस ने अभी तक विधायक दल का नाम तय नहीं किया है। अगर कांग्रेस 13 नवंबर तक विधायकों के नाम से पर्दा नहीं उठाती है, तो पहली बार बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन की मुख्य कार्यवाही होगी। बता दें कि 20 सालों में पहली बार नेता प्रतिपक्ष को विधायकों के नाम चुनने में इतना लंबा समय लगा है। 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव का परिणाम आ गया था और 17 अक्टूबर को हरियाणा सरकार का गठन हुआ था। हालांकि अभी तक कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष को लेकर नाम घोषित नहीं किया है। 

हार के लिए जिम्मेदार भूपेंद्र हुड्डा ?

पिछले तीन चुनावों से कांग्रेस को हरियाणा में लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। अब तक का रिकॉर्ड रहा है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद 15 दिनों के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए जाते हैं। इस बार नेता प्रतिपक्ष चुनने का फैसला कांग्रेस हाईकमान पर छोड़ दिया गया है और अब तक हाईकमान की तरफ से नेता प्रतिपक्ष की लिस्ट जारी नहीं की गई है।

इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर पिछली बार विपक्षी नेता रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार माना जा रहा है। 2019 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विपक्षी नेता के रूप में चुना गया था और इस शुरुआत में उनके नाम पर ही विचार था, लेकिन सिरसा सांसद कुमारी सैलजा गुट ने हुड्डा को विपक्षी नेता चुने जाने का विरोध किया। इसके बाद हुड्डा अपने 31 विधायकों को लेकर दिल्ली जाकर अपनी ताकत दिखा दी थी। 

20 सालों में ये रहे नेता प्रतिपक्ष

बता दें कि साल 2005 में 27 फरवरी को चुनाव का परिणाम घोषित हुआ और मार्च के पहले हफ्ते में ही ओपी चौटाला नेता प्रतिपक्ष बने। 22 अक्टूबर 2009 को चुनावों के परिणाम घोषित हुए और इसके बाद भी 15 दिन के अंदर ही ओपी चौटाला को नेता प्रतिपक्ष घोषित कर दिया गया। तीसरी बार 19 अक्टूबर 2014 को चुनाव के परिणाम घोषित किए गए और 8 दिन बाद ही अभय चौटाला नेता प्रतिपक्ष चुने गए।

आखिरी बार 24 अक्टूबर 2019 को चुनाव का रिजल्ट आया और 2 नवंबर को भूपेंद्र हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। इस बार चुनाव परिणाम घोषित हुए लगभग 26 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा नहीं की गई है। कुमारी सैलजा गुट और भूपेंद्र हुडा गुट दोनों ही अपनी ओर से पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं। हालांकि, इस बार फैसला हाईकमान का होगा, अभी तक किसी नाम की घोषणा नहीं की गई है। 

ये भी पढ़ें: अधिकारियों की नहीं चलेगी अब दादागिरी, आदेश नहीं माना तो जाएगी नौकरी