Ratia: शहर के टोहाना रोड स्थित एक निजी अस्पताल में देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में एक उपचाराधीन महिला की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। अस्पताल के चिकित्सक व अन्य स्टाफ मौके से गायब हो गया। सुबह पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षा की दृष्टि से अस्पताल पर ताला लगा दिया, लेकिन दोपहर बाद मृतक महिला के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर महिला के शव को रतिया फतेहाबाद रोड बड़ी नहर के पुल के बीचों-बीच रखकर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे उप पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने परिजनों को समझने का प्रयास किया, जिसके बाद परिजनों ने जाम खोल दिया।

इंजेक्शन लगाते ही महिला की हो गई मौत

अस्पताल में मौजूद पुराना बाजार रतिया निवासी रजनी व हैप्पी ने कहा कि उसकी माता शीला रानी को सोमवार शाम बुखार था। प्लेटलेट्स डाउन होने के चलते उन्हें दवाई दिलवाने के लिए रतिया के सहारा अस्पताल में लेकर गए। वहां डॉक्टर ने मरीज को एडमिट करने की बात कही। देर रात करीब डेढ़ बजे शीला देवी की तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्होंने डॉक्टर को फोन कर सूचना दी और अस्पताल आने की बात कही। इसके बाद डॉक्टर के कहने पर अस्पताल के स्टाफ ने शीला देवी को एक इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगाते ही महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। तब डॉक्टर को बुलाया गया लेकिन डॉक्टर यह कहकर चला गया कि वह कोई उपकरण लेकर आता है। परिजनों का आरोप कि इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद ही शीला रानी की मौत हो गई। उसके बाद स्टाफ और डॉक्टर अस्पताल छोड़कर चले गए, जिस पर परिजनों द्वारा काफी रोष व्यक्त किया गया।

अस्पताल पर लगाया ताला, संचालक से नहीं हुई बात

महिला की मौत होने की सूचना मिलने पर शहर पुलिस थाना अध्यक्ष जय सिंह मौके पर पहुंचे। शहरी थाना अध्यक्ष ने बताया कि महिला की मृत्यु की सूचना पर सहारा अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल में स्टाफ नहीं मिला, इसलिए एक बार अस्पताल को सुरक्षा के लिए लिहाज से ताला लगा दिया, ताकि कोई अस्पताल को नुकसान न पहुंचा दे। आगामी जांच ओर कार्रवाई जारी है। वहीं अस्पताल संचालकों का फोन स्विच ऑफ आया। पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भेज दिया। दोपहर बाद महिला के परिजन अस्पताल के डॉक्टरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रतिया-फतेहाबाद रोड पर पहुंच गए और नहर के किनारे महिला का शव रखकर जाम लगा दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी की।