Women Protest in Karnal: जहां एक तरफ प्रशासन 12 जून से 26 जून तक नशा मुक्त भारत पखवाड़ा मना रहा है और गांव-गांव जाकर लोगों को नशे न करने की शपथ दिला रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ करनाल के बल्ला गांव की महिलाओं ने आज शुक्रवार को लघु सचिवालय ऑफिस में पहुंचकर प्रदर्शन किया और डीसी को शराब का ठेका गांव से बाहर खोले जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि ठेके के चलते गांव की बहन बेटियों का सुरक्षित रहना मुश्किल हो गया है। वहीं, इस ज्ञापन में बताया गया है कि ठेके के सामने शराबी अक्सर सड़क पर ही शराब पीते नजर आते हैं। इसके चलते गांव की महिलाएं ठेके के सामने से गुजरने में असहज महसूस करती हैं। शराबियों के अनुचित व्यवहार और गाली-गलौच के चलते महिलाओं को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बच्चों पर भी पड़ रहा बुरा प्रभाव
इस प्रदर्शन में शामिल नशा मुक्ति कमेटी के प्रधान रीना ने बताया कि शराबी दिन रात ठेके के बाहर बैठकर शराब पीते हैं और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते है। गांव की कई महिलाएं और लड़कियां ठेके के सामने से गुजरने से भी डरती हैं, क्योंकि शराबियों का व्यवहार अक्सर हिंसक और अपमानजनक होता है। महिलाओं ने भी बताया कि इस स्थिति के कारण गांव का माहौल बिगड़ रहा है और बच्चों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
तीन सालों से उठाया जा रहा यह मुद्दा
रीना ने आगे कहा कि गांव की पंचायत और अन्य स्थानीय संगठनों ने भी इस मुद्दे को कई बार उठाया है, लेकिन इसको लेकर आज तक कोई समाधान नहीं निकाला गया। उन्होंने बताया कि पंचायत भी रेजुलेशन पास कर चुकी है कि ठेके को गांव से बाहर किया जाए, लेकिन पंचायत की भी किसी ने नहीं सुनी।
आज से नहीं बल्कि तीन सालों से ठेके को लेकर मांग उठाई जा रही है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। रीना और अन्य महिलाओं ने कहा कि वे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर सजग हैं और इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को अब उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द समाधान निकालना होगा।