Yamunanagar: फर्जी सप्लाई आर्डर तैयार कर जगाधरी के सेक्टर 17 हुडा निवासी पंकज गोयल से चार आरोपियों ने 70 लाख 49 हजार रुपए की नगदी व करीब ढाई करोड़ रुपए का सामान हड़प लिया। आरोप गुरुग्राम निवासी अपर्णा बेरी, नरेंद्र कुमार, हितेंद्र झा व दीपू रंजन पर लगाया गया। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर चारों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस मामले में चारों आरोपियों की तलाश कर रही है।
2021 में दोस्त के माध्यम से गुरुग्राम निवासी अपर्णा से मिला
पीड़ित पंकज गोयल ने बताया कि वह 2021 में अपने दोस्त भंवर सिंह के माध्यम से गुरुग्राम निवासी अपर्णा बेरी से मिला था। इसके बाद अपर्णा बेरी ने उसे असम भवन चाणक्यपुरी नई दिल्ली निवासी नरेंद्र कुमार से यह कहकर मिलवाया कि वह सोनोवाल कछारी ऑटोनॉमस काउंसिल डिब्रूगढ़ असम में वरिष्ठ अधिकारी है। वह नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करता है। आरोपियों ने उससे कहा कि वह उसे सोनोवाल कछारी ऑटोनॉमस काउंसिल डिब्रूगढ़ असम के सप्लाई आर्डर दिलवाएंग, जिसकी एवज में वह उससे कुल कीमत का 10 प्रतिशत कमीशन लेंगे तथा 5 प्रतिशत एडवांस सिक्योरिटी के रूप में लेंगे। जिसमें से 5 प्रतिशत सिक्योरिटी माल भुगतान करने के बाद वापस हो जाएगी। आरोपियों ने माल भुगतान की कीमत दिलवाने की भी जिम्मेदारी ली।
आरटीजीएस के माध्यम से अपर्णा के खाते में डाले 70 लाख 49 हजार
पीड़ित पंकज गोयल ने बताया कि आरोपियों ने उसे सप्लाई आर्डर दिलवाने के बदले 70 लाख 49 हजार रुपए आरटीजीएस के माध्यम से अपर्णा बेरी के खाते में डलवा लिए। इसमें से कुछ पैसे नकद दिए गए। इसके बाद आरोपियों ने उसे वूलन कंबल के आठ हजार पीस व तीन हजार स्कूल बैग पीस का आर्डर दिया। उन्होंने यह सारा माल फरवरी 2021 में सप्लाई कर दिया। आरोपियों ने उन्हें पांच सप्लाई आर्डर दिलवाए। उसने करीब ढाई करोड़ रुपए का माल आरोपियों को सप्लाई कर दिया। आरोपियों ने सप्लाई किए हुए माल की कीमत एक माह में दिलवाने का आश्वासन दिया। मगर इसके बाद आरोपियों ने उनकी पेमेंट नहीं दिलवाई।
धोखाधड़ी का पता चलने पर दी पुलिस में शिकायत
पीड़ित पंकज गोयल ने बताया कि जब वह आरोपियों से बात करते तो आरोपी टाल मटोल करने लगे। जब उसने सोनोवाल कछारी ऑटोनॉमस काउंसिल डिब्रूगढ़ असम में जाकर प्रिंसिपल सेक्रेटरी से बात की तो पता चला कि आरोपियों ने अन्य लोगों के साथ भी फर्जी ऑर्डर सप्लाई करने के नाम पर ठगी की है। परेशान होकर उसने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक को दी। पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के पुलिस को निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।