Yamunanagar: शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे संघाए गांव में बने शिव मंदिर के पास एक तेंदुओ सफेद के पेड़ पर चढ़ गया। घर बात गांव व आसपास आग के पानी की तरह फैल गई तथा पेड़ के आसपास तेंदुए को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना के बाद वन्य प्राणी विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। आसपास जमा भीड़ को देखते हुए तेंदुए ने पेड़ पर ही अपना पड़ाव डाल दिया। वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि लंबे समय से आसपास के किसान इसे पेड़ पर देखते रहे हैं, परंतु आज तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचा। भीड़ से डर के कारण यह नीचे नहीं उतर रहा है तथा भीड़ छंटने के बाद स्वयं नीचे उतरकर जंगल में चला जाएगा।;
नर या मादा पता नहीं, उम्र करीब पांच
पेड़ पर चढ़े चीते की उम्र करीब पांच साल बताई जा रही है। अधिक ऊंचाई पर होने के कारण फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि पेड़ पर चढ़ा तेंदुआ नर है या फिर मादा। सफेद के पेड पर अधिक ऊंचाई तक जाने व पेड़ के ऊपर एक टहनी से दूसरी टहनी का भ्रमण करने से तेंदुए के बारे में अधिक जानकारी नहीं जुटाई जा सकी।
फिलहाल रेसक्यू का विचार नहीं
वन्य प्राणी विभाग के जिला इंस्पेक्टर जयविंद्र नेहरा ने बताया कि पेड़ व जंगल ही इनका घर होता है। हमारी फिलहाल रेसक्यू करने की कोई योजना है। आसपास के किसान इसे कई बार इसी पेड़ पर देख चुके हैं, परंतु कभी किसी भी मनुष्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। भीड़ के डर के कारण यह नीचे नहीं उतर रहा है, जैसे ही भीड़ छंटेगी, यह स्वयं उतरकर जंगल में चला जाएगा। जंगल में फिलहाल कितने तेंदुए है यह तो स्प्ष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता, परंतु पिछले एक साल से यहां के किसानों को नीलगाय से फसलों का नुकसान से बचाव हुआ है। यह एक शर्मिला जीव है तथा छोटे जंगली जीवों का शिकार करते हैं। मनुष्य को अभी तक कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।
देरादून के राजा पार्क से सटा है कलेसर का जंगल
करीब 18 किलोमीटर में फैले कलेसर का जंगल देहरादून के राजा पार्क से संटा हुआ है। जिस कारण राजा पार्क व कलेसर के जंगल से जानवर इधर उधर आते जाते रहते हैं। कलेसर के जंगल में तेंदुए कभी कभार ही देखने को मिलते हैं, परंतु यहां बंदर, लंगूर, सूअर, तीतर, खरगोश इत्यादि जैसे जानवर काफी संख्या में देखे जा सकते हैं।