साल 2024 में चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों से 22.69 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूल किया है। जुर्माने की यह बड़ी रकम इसी साल 24 दिसंबर तक वसूल किया गया है। जानकारी के मुताबिक पिछले साल यह आंकड़ा 10.35 करोड़ रुपए था। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, साल 2024 में अभी तक कुल 9.68 लाख चालान जारी किए गए, जिनमें से 1,40,286 चालान मौके पर मौजूद प्रवर्तन उपकरणों द्वारा बनाए गए। जबकि ज्यादातर चालान आईटीएमएस (एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली) कैमरों का इस्तेमाल करके जारी किए गए, जिनकी संख्या 8,28,672 है।

टेक्नोलॉजी से काम हुआ आसान

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुमेर प्रताप सिंह ने बताया कि अब भारी संख्या में सीसीटीवी के जरिए चालान काटे जा रहे हैं, जो कि दर्शाता कि ट्रैफिक प्रवर्तन के प्रयासों में टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन करता है, उसके पास सीधे उनके सिस्टम पर भेजे गए लिंक के द्वारा ऑनलाइन चालान का भुगतान करने का विकल्प होता है। इस बदलाव से प्रशासन को अधिक कुशलता से नियमों का पालन न करने वालों के ऊपर निगरानी करने में आसानी होती है।

शहर में 2000 से ज्यादा CCTV कैमरे

आईसीसीसी यानी कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तहत, ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वाले लोगों पर कड़ी नजर बनाए रखने के लिए चंडीगढ़ में 47 ट्रैफिक जंक्शनों पर 2000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, 267 स्थानों पर सीसीटीवी लगाने के साथ ही एक समर्पित फाइबर नेटवर्क भी बनाया गया है। पुलिस उपाधीक्षक राम गोपाल ने बताया कि पीसीसीसी में उनकी कई टीमें मिलकर सुबह, दोपहर और शाम में तीन शिफ्टों में 24 घंटे यातायात उल्लंघनों की निगरानी करते रहते हैं। हर एक शिफ्ट में 30 से 32 ऑपरेटर काम करते हैं, जो यातायात उल्लंघनों को ट्रैक और उनका समाधान करते हैं।

AI से संचालित होते हैं कैमरे

आईसीसीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर रुदेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि चंडीगढ़ में कुल 2100 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि ये कैमरे एआई से संचालित हैं और खुद से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का पता लगाकर रिकॉर्ड कर सकते हैं। जो कि इसे बाकी अन्य शहरों से अलग बनाते हैं। रुदेश कुमार ने कहा कि इस सिस्टम के डेटाबेस में अपराधों को पहचानने के लिए प्रोग्राम किया गया है। जब ऑपरेटर निगरानी नहीं कर रहा होता है, तो उस दौरान उल्लंघन का पता चलने पर कैमरा खुद से उसे रिकॉर्ड कर लेता है। इसके बाद रिकॉर्ड फुटेज की जांच करके चालान जारी करता है। जबकि अन्य शहरों में ऑपरेटर खुद फुटेज को वास्तविक समय में देखकर खुद उसकी आकलन करने के बाद चालान जारी करता है।

लाल बत्ती पार करने का अपराध सबसे ज्यादा

इस दौरान ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने वालों के डाटा से पता चलता है कि लाल बत्ती को पार करना सबसे अधिक बार होने वाला अपराध है। कुल चालानों में से करीब 50 फीसदी चालान लाल बत्ती पार करने के लिए जारी किए गए हैं। इसके बाद तेज स्पीड में गाड़ी चलाने के लिए 1,45,307 चालान काटे गए हैं, जो कि एक चिंता का विषय है। बिना हेलमेट के गाड़ी चलाने वाले लोगों को 84,616 चालान जारी किए हैं। हालांकि रुदेश कुमार ने बताया कि लाल बत्ती पार करने के लिए सबसे अधिक चालान काटे गए हैं, क्योंकि शहर के 40 प्रमुख जंक्शनों पर ऐसे कैमरे लगे हैं जो इस अपराध का पता लगाते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में और ज्यादा कैमरे जोड़कर इस नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा।

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