Gurugram: जाको राखे साइयां, मार सके न कोई वाली कहावत अंकित पर पूरी तरह से सटीक बैठती है। जिसने बहादुरी से टाइगर का मुकाबला करते हुए अपने साथ अपने साथियों की जिंदगी भी बचाई। बेशक गुरुग्राम के निजी अस्पताल में चार सर्जरी के बाद अंकित को नया जीवन मिला, लेकिन उसकी बहादुरी के चर्चे गुरुग्राम सहित उत्तराखंड में हो रहे हैं। अंकित ने बड़ी बहादुरी का परिचय देते हुए निडर होकर टाइगर का डट कर सामना किया और अपने साथियों की जान बचाई।

टाइगर के साथ भिड़ गया अंकित, नहीं मानी हार

जानकारी अनुसार उत्तराखंड के रामपुर में गत माह 17 वर्षीय अंकित पर टाइगर ने अटैक कर दिया। अंकित ने भी बहादुरी से जवाब देते हुए टाइगर का मुकाबला किया और अपने जीवन को उसका निवाला नहीं बनने दिया। अंकित के हौसलों के आगे टाइगर पस्त हो गया और वापस जंगल में भाग गया। घायल अंकित को लोगों ने अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उसकी हालत को देखते हुए उसे ऋषिकेश एम्स में रेफर कर दिया। यहां से अस्थाई इलाज देने के बाद उसे दिल्ली एम्स भेजा गया, लेकिन परिचित उसे गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां उसका चार महीने तक इलाज चला और आज अंकित पूरी तरह से स्वस्थ है।

4 सर्जरी व 4 माह उपचार, अब स्वस्थ हुआ अंकित

गुरुग्राम के निजी अस्पताल में अंकित का उपचार कर रहे डॉ. आशीष ढींगड़ा ने कहा कि जब अंकित को अस्पताल में लाया गया तो उसकी हालत बेहद खराब थी। उसके सिर में पस पड़ने लगी थी। इंफेक्शन लेवल भी हाई हो गया था। चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने अंकित की चार सर्जरी की और चार महीने में दिए गए इलाज के बाद आज अंकित सभी के बीच स्वस्थ मौजूद है और सामान्य रूप से अपना जीवन जी रहा है। संघर्ष के दौरान अंकित का अंगूठा भी कट गया, जिसका कुछ समय बाद ऑपरेशन किया जाएगा। वहीं, सिर पर लगी चोटे अब पूरी तरह से ठीक हो गई हैं। उसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों से मास लेकर उसके सिर की स्किन बनाई गई है। फिलहाल अंकित स्वस्थ्य होकर अपना जीवन जी रहा है।

दसवीं कक्षा का छात्र है अंकित

अंकित उत्तराखंड के रामपुर का रहने वाला है और 10वीं कक्षा का छात्र है। 2 नवंबर 2023 को वह अपने स्कूल से पैदल ही घर जा रहा था तो रास्ते में पहले से घात लगाए बैठे टाइगर ने उस पर हमला कर दिया। उसे गर्दन से पकड़ लिया और जैसे ही टाइगर ने अंकित के सिर को अपने मुंह में दबाया वैसे ही अंकित ने मौका पाकर टाइगर की जीभ पकड़ ली। करीब 15 मिनट तक चले संघर्ष के बाद टाइगर के हौंसले पस्त हो गए और वह अंकित को लहूलुहान हालत में छोड़कर जंगल में भाग गया। उसके साथ जा रहे व्यक्ति ने उसे बचाने का भी प्रयास नहीं किया, लेकिन अंकित ने मौत के मुंह में जाकर भी कई लोगों की जान बचा ली।