रेवाड़ी: नगर परिषद की ओर से घोषित कैटल फ्री शहर में सड़कों पर घूमते गोवंश की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही। नगर परिषद की ओर से प्रति वर्ष इन गोवंश को पकड़ने के लिए एजेंसी को ठेका देकर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। सड़कों पर लड़ते सांड लोगों के लिए आफत बन रहे है। एक मॉल के पास गली में दो सांड लड़ते-लड़ते बेकाबू हो गए। करीब 20 मिनट तक चली सांडों की लड़ाई में लोगों की सांसे थमी रही। आसपास के दुकानदारों को गली में खड़े वाहनों के टूटने का डर सताने लगा। सांडों की ऐसी लड़ाई में अगर कोई व्यक्ति चपेट में आ जाए तो उसे मौके पर ही अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ स कता है।

शहर की सड़कों पर हर तरफ गोवंश

नगर परिषद के अधिकारी बार-बार शहर को गोवंश से मुक्त करने का दावा कर रहे है। शहर में लंबे समय से मुख्य मार्गो, कॉलोनियों व मोहल्लों में हर तरफ गोवंश का जमावड़ा लगा हुआ था। सड़कों पर घूमता ज्यादातर गोवंश पशपालकों का है। पशु पालक दूध दोहने के बाद गोवंश को खुले में छोड़कर लोगों के लिए परेशानी पैदा करते है। यह गोवंश पूरे दिन या तो शहर की सड़कों पर बैठे रहते है या फिर कचरे में मुंह मारते है। काफी बार गोवंश उग्र रूप लेकर लड़ाई करके लोगों को घायल कर देते है।

सरकार के आदेश भी हवा-हवाई

सरकार की ओर से आदेश जारी किए जाते हैं, लेकिन यह आदेश जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन नहीं हो पाते। 24 अक्टूबर को सीएम की अध्यक्षता में यूएलबी मिनिस्टर विपुल गोयल ने हरियाणा के तमाम यूएलबी से जुड़े अधिकारियों की बैठक बुलाई और दीपावली से पहले सड़कों से घूमते गोवंश को हटाने के आदेश दिए, लेकिन रेवाड़ी नगर परिषद ने यह आदेश हवा हवाई कर दिए। नगर परिषद अधिकारियों को जनता की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है। रेवाड़ी में सांडों की लड़ाई में कई लोगों की जान जा चुकी है तथा दर्जनों लोग घायल हो चुके है। नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी शायद फिर से कोई अनहोनी होने का इंतजार कर रहे हैं।