Rewari: हरियाणा और राजस्थान में भाजपा सरकार होने के बावजूद भी धारूहेड़ा में भिवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्र से आने वाले दूषित पानी की समस्या का लंबे समय से समाधान नहीं हो पा रहा। राजस्थान से आने वाले दूषित पानी की समस्या अभी भी बरकरार है। दूषित पानी के जलभराव के कारण एनएच-919 पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। बरसात के सीजन में मार्ग पर और भी ज्यादा समस्या पैदा हो गई है। भिवाड़ी-धारूहेड़ा बार्डर पर रैंप बनाने के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।

औद्योगिक कंपनियों ने स्टोर किया केमिकलयुक्त पानी छोड़ा

बरसात शुरू होते ही भिवाड़ी की औद्योगिक कंपनियों की ओर से स्टोर किया हुआ केमिकलयुक्त पानी सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। पानी का बहाव धारूहेड़ा की ओर होने के कारण यह दूषित पानी सोहना रोड के रास्ते नेशनल हाइवे पार करके सेक्टर-6 व सेक्टर 4 में पहुंच जाता है। दूषित पानी की समस्या को लेकर धारूहेड़ा वासियों ने आंदोलन करके समस्या के समाधान की मांग की थी, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने धारूहेड़ा आगमन पर दूषित पानी देखकर प्रशासन को तुरंत रैंप बनाने के आदेश दिए थे। दोनों राज्यों के अधिकारियों से वार्ता कर दूषित पानी की समस्या का स्थाई हल निकालने के निर्देश दिए। राजस्थान में उस समय कांग्रेस की सरकार होने के कारण समस्या फिर से अटक गई।

एनजीटी लगा चुकी राजस्थान पर जुर्माना

दूषित पानी के मामले में एनजीटी कोर्ट में जाने के बाद राजस्थान सरकार पर 200 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया गया था। एनजीटी के आदेशों को तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए फैसले पर स्टे आर्डर ले लिए थे। इस समय राजस्थान व हरियाणा में भाजपा की सरकार है। फिर भी लोग दूषित पानी की समस्या से परेशान हैं। सरकार इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकाल पा रही। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी 2 साल में दूषित पानी की समस्या के स्थाई समाधान को लेकर दोनों राज्यों के शीर्ष अधिकारियों की कई बार बैठकें ले चुके है। इसके बावजूद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। विधायक चिरंजीव राव भी दूषित पानी का मुद्दा कई बार विधानसभा में उठा चुके है।

कई बार लगा चुके सरकार से गुहार

नपा चेयरमैन कंवर सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार को दूषित पानी की समस्या का समाधान करने की दिशा में केंद्र और राजस्थान सरकार से बातचीत करके ठोस कदम उठाने चाहिए। रैंप बनाने के बाद पानी का रास्ता तो बंद हो गया है, परंतु राजस्थान की सीमा में जलभराव होने से सीमावर्ती गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोहना हाइवे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है।