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रेवाड़ी में ढाई महीने बाद वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ लिया है। इससे गांव के लोगों को राहत की सांस मिली है।

Rewari News: हरियाणा के रेवाड़ी में बाघ को वन विभाग की टीम ने ढाई महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ लिया गया है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। अब वह अपने घरों में चैन की नींद सो सकेंगे। 

दरअसल, रेवाड़ी के झाबुआ गांव में बाघ ने आतंक मचाया हुआ था। बाघ की वजह से गांव वालों की फसल प्रभावित हो रही थी। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया था। बाघ  डर की वजह से किसानों की गेहूं और सरसों की फसल भी प्रभावित हो रही थी, किसानों को हमेशा डर बना रहता था कि बाघ कहीं हमला न कर दें। बच्चे स्कूल जाने से डरते थे। गांव वालों ने बाघ को पकड़ने के लिए कई बार पंचायत भी की गई थी, वन विभाग की टीम भी बाघ को पकड़ने लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही थी।

बाघ को कैसे पकड़ा ? 

बाघ को पकड़ने के लिए रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान के सवाई माधोपुर) की टीम को बावल बुला लिया गया था। वन विभाग की टीम ने रविवार 10 नवंबर को रेस्क्यू अभियान चलाया। टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए ट्रैंकुलाइजर गन का इस्तेमाल किया था, बाघ के बेहोश हो जाने पर उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया, जिसके बाद बाघ को राजस्थान से आई टीम अपने साथ ले गई। शाम 6 बजे करीब बाघ को पकड़ लिया गया।

गांव वालों ने कैबिनेट मंत्री नरवीर सिंह से मुलाकात करके बाघ को पकड़ने की मांग उठाई थी। गांव वालों ने पंचायत और डीसी से मिलकर भी जल्द से जल्द बाघ को पकड़ने की मांग की थी, जिसके बाद वन विभाग की टीम को बताया गया। बावल के एसडीएम ने गांव वालों को आश्वासन दिया था कि बाघ को पकड़ लिया जाएगा।  

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दस महीने पहले भी सरिस्का जंगल से होते हुए बाघ रेवाड़ी आ गया था, उस दौरान हरियाणा बॉर्डर के आस-पास के गांवों के वनकर्मियों पर हमला कर दिया था कोटकासिम के पास बाघ ने एक किसान पर हमला किया था। गनीमत रही कि रेवाड़ी के बावल में बाघ से किसी की जान को कोई नुकसान नहीं हुआ। ढाई महीने के अथक प्रयासों के बाद बाघ को पकड़ लिया गया, जिसके बाद अब गांव वालों में खुशी की लहर है।

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