रेवाड़ी: दो दिन पूर्व राजस्थान के सरिस्का अभ्यारण से निकलकर राजस्थान में चार लोगों पर हमला कर चुका टाइगर शनिवार को जिले के गांव झाबुआ के बीहड़ तक पहुंच गया। बाघ का पीछा कर रही राजस्थान की सात टीमें भी झाबुआ पहुंच गई। यहां सघन जंगल होने के कारण बाघ को काबू करने में परेशानी आ रही है। बावल थाना पुलिस और वन विभाग के अधिकारी भी झाबुआ पहुंच गए हैं। बाघ का रेस्क्यू करने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों को खेतों में अकेले नहीं जाने की सलाह दी है।
सरिस्का में चार लोगों पर किया हमला
अलवर के सरिस्का वन्य प्राणी अभ्यारण से एक बाघ निकलकर राजस्थान के किशनगढ़ की ओर चल पड़ा। इसके बाद राजस्थान के वन्य जीव विभाग और सरिस्का की टीमों ने बाघ का पीछा करना शुरू कर दिया। बाघ ने सरिस्का से निकलने के बाद चार लोगों पर हमला किया। शनिवार को बाघ हरियाणा की सीमा से सटे जाट चंबेड़ा और दरबारपुर पहुंच गया। इन दोनों गांवों में लोगों ने बाघ को बाजरे के खेत में घेरने का प्रयास किया। वन विभाग के अधिकारियों के मना करने के बाद भी ग्रामीण बाघ को घेरने में लगे रहे। इस दौरान बाघ ने जाट चंबेड़ा में एक और दरबारपुर में चार लोगों पर हमला कर दिया। इसके बाद बाघ की मूवमेंट बावल खंड के गांव झाबुआ की ओर पाई गई।
जनवरी में भटसाना पहुंचा था टाइगर
सरिस्का से इसी साल जनवरी माह में एक बाघ राजस्थान के खुशखेड़ा से होते ही भटसाना गांव तक पहुंच गया था। बाघ ने एक किसान व दो वन विभाग के अधिकारियों को घायल कर दिया था। वन विभाग की टीम ने बाघ को घेरकर ट्रेंकुलाइज्ड भी कर दिया था, परंतु वह रेस्क्यू टीम को चकमा देकर गायब हो गया। बाद में यह टाइगर वापस सरिस्का पहुंच गया। लगभग एक सप्ताह तक टाइगर ने राजस्थान के सीमावर्ती गांवों के लोगों में दहशत बनाए रखी थी। सरसों की फसल में छुपा होने के कारण किसान खेतों में सिंचाई के लिए भी कई दिन नहीं जा पाए थे।
झाबुआ के बीहड़ तक पहुंचा बाघ
टाइगर के झाबुआ बीहड़ तक पहुंचने के संकेत मिले हैं। राजस्थान के किशनगढ़ बाढ़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी सीताराम मीणा ने बताया कि सरिस्का और वन विभाग की सात टीमें बाघ का रेस्क्यू करने के लिए पीछा कर रही हैं। वहां दरबारपुर और जाट चंबेड़ा गांवों के लोगों ने बाघ को बाजरे के खेतों में घेरने का प्रयास किया। इन टीमों ने ग्रामीणों को मना किया, परंतु वह नहीं माने। इसके बाद बाघ ने चार लोगों पर हमला कर दिया। उन्होंने दावा किया कि बाघ के पैरों के निशान झाबुआ तक पाए गए हैं। राजस्थान की सात टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं।
पुलिस व वन अधिकारी मौके पर पहुंचे
झाबुआ बीहड़ तक बाघ के पहुंचने की सूचना पर बावल थाना पुलिस व वन विभाग के अधिकारी भी वन क्षेत्र पहुंच गए। उन्होंने राजस्थान की टीमों से संपर्क साधने के बाद रेस्क्यू में उनका सहयोग करने की पेशकश की। राजस्थान से सीईओ विकास कुमार, आरओ शंकर शेखर व सरिस्का के अधिकारी और टाइगर को टेंकुलाइज्ड करने के लिए डॉक्टर मौके पर पहुंचे हुए हैं। वन विभाग के बाद आरओ संदीप कुमार ने बताया कि राजस्थान की टीमों ने बाघ के झाबुआ पहुंचने का दावा किया है, लेकिन उनके पास पुख्ता जानकारी नहीं है।