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हरियाणा के रोहतक में नगर निगम चुनाव में भाजपा के रामअवतार वाल्मीकि ने बड़ी जीत दर्ज की। रामअवतार को जहां 102269 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस के सूरजमल किलोई को 57071 मत मिले। रोचक पहलू यह है कि पिछले चुनाव में इनेलो के संचित नांदल ने 32775 वोट लिए थे, जो अब भाजपा में हैं। लगभग इतने ही वोट से भाजपा का जीत का अंतर बढ़ा है। वहीं कांग्रेस 2018 में जितने मत हासिल किए थे, इस बार सिंबल पर चुनाव लड़ने के बावजूद उतने पर ही सिमटकर रह गई। जानें क्या रहे जीत-हार के समीकरण।

रोहतक निगम चुनाव में भाजपा के राम जीते : रोहतक के नगर निगम चुनाव में भाजपा ने लगातार दूसरी बार मेयर पद पर अपना कब्जा जमाया। कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर रोहतक में भाजपा के रामअवतार वाल्मीकि ने 45198 वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें 102269 वोट मिले तो वहीं, कांग्रेस के सूरजमल किलोई को 57071 मत मिले। इस बार सीधे तौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच ही टक्कर थी क्योंकि तीसरे नंबर पर आए इनेलो के उमेद सिंह को केवल 3458 मत ही मिले। कांग्रेस सिंबल पर चुनाव लड़कर भी पिछली बार के मुकाबले अपने वोट बैंक को नहीं बढ़ा पाई, जबकि भाजपा ने बड़ी बढ़त बनाई। पिछली बार भाजपा 14776 वोट से जीती थीं, जबकि इस बार 45198 वोट से विजयी हुई है। कुल वोट लगभग बराबर डले हैं। 2018 में जहां 173260 वोट डले थे वहीं, 2025 में 170402 मत प्रयोग हुए।

इनेलो के संचित को आउटर रोहतक से मिले थे ज्यादा वोट

कांग्रेस ने 2018 में सिंबल पर चुनाव न लड़कर सीताराम सचदेवा को समर्थन दिया था। भाजपा के मनमोहन गोयल को 65822 वोट मिले थे, वहीं सचदेवा को 51046 वोट प्राप्त हुए थे। इनेलो के संचित नांदल 32775 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। अब संचित नांदल और उनके पिता सतीश नांदल भाजपा में आ चुके हैं। यदि गोयल और संचित नांदल के वोटों को जोड़ा जाए तो यह लगभग एक लाख होते हैं और इतने ही वोट इस बार भाजपा प्रत्याशी रामअवतार वाल्मीकि को मिले हैं। संचित के खाते में पिछली बार रोहतक आउटर के वोट काफी संख्या में आए थे। जाट मतदाताओं ने संचित को खुलकर वोट किए थे। वहीं, कांग्रेस की बात करें तो पिछली बार सीताराम सचदेवा को 51046 वोट मिले थे तो इस बार सूरजमल किलोई को 57071 वोट प्राप्त हुए यानी लगभग बराबर। कमजोर प्रचार के चलते संचित को मिले वोटों को कांग्रेस अपने पक्ष में भुना नहीं पाई। 

प्रचार में नहीं दिखे कांग्रेस के नेता, भाजपा इस वजह से जीती

रोहतक नगर निगम चुनाव में भाजपा ने अपने मजबूत संगठन, ट्रिपल इंजन की सरकार के नारे और व्यापक प्रचार व योजना के दम पर यह बाजी मार ली। सीएम सैनी दो बार प्रचार करने आए। सीएम सैनी का ओबीसी वोट बैंक में खासा प्रभाव है। इस वजह से उनका झुकाव भी भाजपा की ओर रहा। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी को अपने वरिष्ठ नेताओं का ज्यादा साथ नहीं मिला। कुछ जनसभा कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने जरूर की, लेकिन बाकी प्रचार फीका ही रहा।

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भाजपा नेता ग्रोवर के गंभीर आरोप-कांग्रेसियों ने खुद के उम्मीदवार हरवाए

भाजपा नेता मनीष ग्रोवर ने कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें घेरा। उन्होंने कहा कि उनके पास सबूत हैं कि खुद कांग्रेस नेताओं ने अपने उम्मीदवारों को हरवाया है। उन्होंने दूसरे नेताओं को वोट डलवाए और कांग्रेस उम्मीदवारों को राम भरोसे छोड़ दिया।

रामअवतार वाल्मीकि ने कहा- अब ट्रिपल स्पीड से होंगे काम

विजेता रामअवतार वाल्मीकि ने कहा कि यह रोहतक के लोगों की जीत है, भाजपा नेताओं और पार्टी की जीत है। ट्रिपल इंजन सरकार में अब तेजी से विकास होगा। हमने पहले भी अपने घोषणा पत्र की सारी घोषणाओं को पूरा किया है और अब नए संकल्प पत्र को भी पूरी तरह लागू करेंगे। वहीं, कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी सूरजमल किलोई ने कहा कि कोई कमी नहीं थी, बस समय की बात है। ऊपर सरकार थी, इसलिए लोगों ने भाजपा को चुना। 

रामअवतार वाल्मीकि को चौथे चुनाव में जाकर मिली जीत

भाजपा नेता रामअवतार वाल्मीकि को इससे पहले तीन विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है। वह कलानौर से 2009, 2014 व 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार शकुंतला खटक से हार गए थे। हालांकि इस बार उनकी जगह पूर्व मेयर रेणु डाबला ने कलानौर से चुनाव लड़ा और वह भी हार गईं। चौथी बार में जाकर रामअवतार वाल्मीकि को जीत का स्वाद चखने का मौका मिला। 

22 में से 14 वार्ड में जीती भाजपा, दो में कांग्रेस

वार्डवाइज नतीजों की बात करें तो कुल 22 वार्ड में से 14 में भाजपा ने जीत दर्ज की। कांग्रेस को केवल वार्ड नंबर 11 और 19 में जीत मिली। निर्दलीय प्रत्याशी वार्ड 3, 8, 9, 10, 13 और 22 में विजयी रहे। कांग्रेस के मुख्य नेता कदम सिंह अहलावत, अनिल कुमार और गुलशन कुमार चुनाव हार गए। 

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