रोहतक: गौवर्धन दिवस के अवसर पर वैश्य व्यायामशाला व गौशाला में शनिवार को अन्नकूट प्रसाद का वितरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में एलपीएस बोसार्ड के एमडी राजेश जैन ने शिरकत की और भगवान गौवर्धन की पूजा अर्चना करते हुए समाज कल्याण की कामना की। साथ ही गौशाला में काम करने वाले सेवादारों को उपहार देकर सम्मानित किया और श्रद्धालुओं में अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया। इस दौरान मीडिया प्रभारी राजीव जैन व सतीश भारद्वाज ने मंच का संचालन करते हुए कार्यक्रम को सकुशल संपन्न करवाया।

कृष्ण ने पर्वत उठाकर दिया था पर्यावरण का संदेश

मुख्यातिथि राजेश जैन ने बताया कि भगवान कृष्ण ने द्वापर युग में ही देवराज इंद्र का मान मर्दन करने के लिए व पर्यावरण का महत्व लोगों को समझाने के लिए गौवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना की थी। भगवान कृष्ण ने संदेश दिया था कि इंद्र की बजाय गौमाता, पेड़ पौधे, जीवों की पूजा करें, क्योंकि इन्हीं से हमारा जीवन चलता है। जब इंद्र ने क्रोध करते हुए लगातार वर्षा की तो भगवान कृष्ण ने अपनी एक उंगली पर सात दिन तक गौवर्धन पर्वत को धारण कर गोकुल वासियों की रक्षा की थी। इसी दौरान माता यशोदा ने रोजाना कृष्ण को आठ भोग बनाकर खिलाए थे, जिसके कारण भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाने की प्रथा शुरू हुई।

अन्नकूट का प्रसाद वितरित कर मनाया गौवर्धन

गौशाला के प्रधान सुभाष तायल ने बताया कि हर वर्ष गौशाला में गौवर्धन पूजन का आयोजन किया जाता है, क्योंकि गौशाला में भगवान कृष्ण का मंदिर भी बनाया हुआ है। इस दौरान पहले भगवान गिरिराज की पूजा होती है और बाद में अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया जाता है। अन्नकूट में भगवान को कढ़ी, चावल, पूरी, हलवा, बाजरे की खिचड़ी, सब्जी, पापड़, कांची वड़े व दही वड़े का भोग लगाकर श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। यह सिलसिला पिछले कई सालों से चल रहा है और प्रयास रहेगा कि आगे भी इस परंपरा को जारी रखा जा सके।