Gold Medalist Dharamvir Nain: पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद धर्मवीर नैन अपने घर सोनीपत पहुंचे हैं। उनके घर वापस आने पर ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं के साथ उनका जोरदार स्वागत किया और अपनी खुशी जाहिर की। इस मौके पर धर्मवीर ने कहा कि ग्रामीणों के स्वागत समारोह से मैं आज बहुत खुश हूं। ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना एक खिलाड़ी का सबसे बड़ा सपना होता है और उन्होंने इस सपने को पूरा किया है। खिलाड़ी के गोल्ड जीतने पर घर परिवार और गांव में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में खुशी का माहौल है।
8 सालों की मेहनत के बाद मिला गोल्ड
बता दें कि धर्मवीर नैन ने पेरालंपिक में क्लब थ्रो में गोल्ड मेडल जीता है। गांव में पहुंचे धर्मवीर नैन का कहा कि उन्हें गोल्ड मेडल मिलते समय जो खुशी मिली थी, वही खुशी आज भी महसूस हो रही है। उन्होंने कि कहा कि इस मेडल के लिए एक दिन नहीं, बल्कि 2015 से लगातार मेहनत की है। यह उनके 8 सालों की कड़ी मेहनत का नतीजा है। इसके साथ ही गोल्ड मेडल जीतने का श्रेय उन्होंने अपने परिजन और गुरु पैराओलंपिक अमित सरोहा को दिया।
टाइम पास बना हुनर
धर्मवीर ने अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि जून, 2012 में जब वह नहर में नहाने के लिए गए थे, तो उस समय उनके साथ हादसा हो गया था, जिसके बाद से उन्होंने मान लिया था कि जिंदगी खत्म हो गई है, लेकिन उसके बाद उन्होंने अपना समय व्यतीत करने के लिए खेलना शुरू किया। धीरे-धीरे जब टाइम पास से खेल की लगन बनती गई, तो आज इस खेल का नतीजा सबके सामने है। युवाओं से उन्होंने कहा कि हमें कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और मेहनत करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
हरियाणा से इन्होंने किया था भारत का प्रतिनिधित्व
हरियाणा से आर्चरी में हरविंद्र सिंह, पूजा व सरिता, एथलेटिक्स में अमित सरोहा, सुमित आंतिल, धर्मवीर नैन, रिंकू, नवदीप, योगेश कथुनिया, मनु, प्रवीन कुमार, रामफल, रोहित, प्रणव सूरमा, अरविंद, कर्मज्योति, कंचन लखानी, बैडमिंटन में नितेश कुमार व तरूण, जूडो में कोकिला, पावर लिफ्टिंग में अशोक, शूटिंग में मनीष नरवाल तथा ताइक्वांडो में अरुण ने पेरिस पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।