सोनीपत: तहसील में मंगलवार को तहसीलदार और नायब तहसीलदार की अनुपस्थिति में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अधिकारियों के ना होने के चलते रजिस्ट्री और अन्य राजस्व संबंधित काम प्रभावित हो गए। तहसीलदार के डेंगू पीड़ित होने के चलते चिकित्सा अवकाश पर रहे, वहीं नायब तहसीलदार चंडीगढ़ में कोर्ट एविडेंस पर चले गए। जिसकी वजह से मंगलवार को राजस्व संबंधित कामों को लेकर लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। अधिकारियों के न पहुंचने के चलते दोपहर तक रजिस्ट्री क्लर्क के कक्ष पर ताला लटका रहा। रजिस्ट्री न होने से दिनभर रजिस्ट्रेशन काउंटर खाली पड़े रहे।
तहसीलदार के इंतजार में वापस लौटे लोग
लोग तहसील कार्यालय में अधिकारियों के आने का इंतजार करते रहे। बाद में जिला पार्षद संजय बड़वासनी के नेतृत्व में अधिकारियों के खिलाफ रोष जताया। अधिकारी दोपहर तक तहसील में नहीं पहुंचे तो लोग वापस लौट गए। तहसीलदार व नायब तहसीलदार न होने के चलते तहसील में कामकाज नहीं हो सका। तहसील में जमीन संबंधी कामकाज के लिए आए लोग दिनभर इधर उधर चक्कर काटते रहे। तहसील में अधिकारियों व कर्मचारियों के न बैठने से आमजन परेशान रहे। मंगलवार को तहसील में कोई अधिकारी व रजिस्ट्री क्लर्क न होने के कारण रजिस्ट्री नहीं हो सकी।
रोजाना 100 से अधिक होते हैं जमीन संबंधी काम
तहसील परिसर में हर रोज 100 से अधिक जमीन संबंधी रजिस्ट्री व एग्रीमेंट होते हैं। मंगलवार को जब लोग तहसील में आए तो तहसीलदार व नायब तहसीलदार की गैर मौजूदगी में कर्मचारियों ने रजिस्ट्री व अन्य कार्य करने से मना कर दिया। रिहायशी प्रमाणपत्र व शपथ पत्र बनवाने आए लोग परेशान रहे। लोगों का आरोप था कि टोकन लेने के बावजूद रजिस्ट्री नहीं हो सकी। अधिकारी बिना कोई सूचना दिए तहसील कार्यालय से बाहर हैं। प्रशासन को प्रावधान करना चाहिए कि अगर संबंधित अधिकारी किसी कारणवश तहसील में नहीं आते हैं तो उस दिन टोकन जारी नहीं करना चाहिए।
तहसील में नहीं मिले कर्मचारी, लोगों ने जताया रोष
सोनीपत तहसील में सुबह 11 बजे तक कर्मचारियों के मौजूद ना होने के कारण परेशान लोगों ने मंगलवार को विरोध जताया। जिला पार्षद संजय बड़वासनिया के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन करते हुए लोगों ने कहा कि समय पर कर्मचारी नहीं मिलते तो लोगों को धक्के खाने पड़ते हैं। अधिकारियों कर्मचारियों के न बैठने के कारण आम जनता परेशान है। सरकार एक तरफ कह रही है कि आम जनता की सहुलियत के लिए अधिकारी व कर्मचारी समय पर दफ्तर पहुंचें। दूसरी तरफ अधिकारियों कर्मचारियों सरकार की आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं।