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हरियाणा के सोनीपत में नागरिक अस्पताल में मरीजों की भीड़ बेकाबू हो गई। वहीं, खाकी के जवानों की दादागिरी का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अस्पताल में 2200 से अधिक की ओपीडी दर्ज की गई।

सोनीपत: नागरिक अस्पताल प्रबंधन की तरफ से अस्पताल में जरूरी सेवाओं को लेकर कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे है। अस्पताल में मरीजों की भीड़, सरकारी नौकरी पाने वाले आवेदकों सहित अन्य सेवाओं को चलाने के लिए प्रबंधन कमजोर पड़ता जा रहा है। मंगलवार को रजिस्ट्रेशन काउंटर पर चहेतों के रजिस्ट्रेशन करवाते हुए कार्यकारी प्रधान चिकित्सक अधिकारी की तरफ से कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़ा गया। हाथ में छह आवेदकों के फार्म लेकर घुसे युवक से फार्म तक छीन लिए। उसके बाद चेतावनी देकर व लाइन में आने के निर्देश दिए गए। अस्पताल में दिनभर अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला।

मौसमी बीमारियों के पहुंच रहे मरीज

बता दें कि उत्तर भारत में ठंड ने दस्तक दे दी है। बदलते मौसम, वायरल बुखार व डेंगू बुखार सहित मलेरिया अलग-अलग जगहों पर पैर पसार रहा है। निजी अस्पतालों से लेकर सरकारी अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटरों के बाहर मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है। नागरिक अस्पताल में रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाहर मरीज घंटों लाइन में लगने पर मजबूर हो रहे है। मंगलवार को रजिस्ट्रेशन काउंटर के अंदर जबरदस्ती घुसकर खाकी के जवानों द्वारा कर्मचारियों के साथ अभद्रता करने का वीडियो वायरल हो गया। खाकी के जवान रजिस्ट्रेशन काउंटर पर कर्मचारी के साथ बदतमीजी करते हुए पाए गए। कर्मचारियों ने इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन को अवगत करवाया।

हड्डी रोग विशेषज्ञ के बाहर अभद्रता

नागरिक अस्पताल में मंगलवार को ओपीडी रजिस्ट्रेशन 2200 से ज्यादा दर्ज किया गया, जिसमें खांसी, बुखार, वायरल बुखार सहित अन्य बीमारी के मरीज उपचार के लिए पहुंचे। ओपीडी में मरीजों की भीड़ देखने को मिली। वहीं हड्डी रोग विशेषज्ञ के बाहर लंबी लाइन होने व सुरक्षा गार्ड के न होने के चलते मरीज जबरदस्ती ओपीडी में घुस आए। जिसके चलते चिकित्सक को ओपीडी सेवाएं रोकनी पड़ी। चिकित्सक ने बाहर निकलकर अस्पताल प्रबंधन को अवगत करवाया। उसके बाद ओपीडी के बाहर गार्ड को तैनात किया गया। तब जाकर चिकित्सक ने राहत की सांस ली।

मूलभूत सुविधाएं देने में नाकाम अस्पताल प्रबंधन

नागरिक अस्पताल में हाल के दिनों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रबंधन कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे है। अस्पताल में प्रधान चिकित्सक नहीं है। वहीं जिला स्वास्थ्य अधिकारी सेवानिवृत हो चुके है। जिसके चलते पानीपत के स्वास्थ्य अधिकारी को कार्यभार सौंपा गया है। अस्पताल में मूलभूत सुविधा न होने के चलते कर्मचारी मनमानी करने पर उतारू है। प्रबंधन की तरफ से लगाई ड्यूटी को छोड़कर हाल में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के कार्य व अपने चहेतों के फार्मो पर काम करने में व्यस्त रहते है। कार्यकारी प्रधान चिकित्सक अधिकारी ने रजिस्ट्रेशन काउंटर व कमरा नंबर-18 पर औचक दौरा कर कई कर्मचारियों को चेतावनी दी।

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