यमुनानगर: सरकारी धान का गलत रिकॉर्ड तैयार करके राइस मिलर्स ने हरियाणा राज्य भंडारण निगम को करीब एक करोड़ 80 लाख रुपए चुना लगाया। आरोप राइस मिलर सबलपुर निवासी मदन लाल व उसके गारंटर्स हरि नारायण जिंदल सस्वतीनगर अनाज मंडी, नव दुर्गा फर्टिलाइजर अनाज मंडी सस्वतीनगर के संचालक राकेश कुमार, शाकुंभरी राइस मिल राजन अग्रवाल व लक्ष्मी राइस मिल कलावड की संचालक पूनम राणा पर लगा है। आरोपी राइस मिलर्स संचालकों ने विभाग को करीब तीन हजार क्विंटल चावल वापस नहीं किया। पुलिस ने निगम के डिस्ट्रिक मैनेजर प्रदीप कुमार की शिकायत पर केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
धान खरीद की एजेंसी के संचालक हैं आरोपी
जानकारी अनुसार निगम के डिस्ट्रिक मैनेजर प्रदीप कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि हरियाणा राज्य भंडारण निगम जिला कार्यालय अंबाला शहर और राज्य गोदाम यमुनानगर के माध्यम से धान की खरीद करने की एजेंसी है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार खरीदी गई धान की मात्रा चावल मिल मालिकों को दी जाती है। इसमें समझौता होता है। समय से यह चावल वापस करना होता है। इसके तहत ही सरस्वतीनगर स्थित मैसर्स मदन लाल कंपनी के साथ वर्ष 2023-24 के खरीफ विपणन सीजन के दौरान सरस्वतीनगर मंडी से खरीदे गए धान की मिलिंग के लिए एजेंसी का समझौता हुआ।
राइस मिलर ने नहीं लौटाया पूरा धान
प्रदीप कुमार ने बताया कि राइस मिलर को 10 हजार 497 क्विंटल धान दिया गया था, जिसमें से मिलर को 7032.99 क्विंटल धान वितरित करना था। मिलर ने 29 मई तक एफसीआइ को 3849.84 क्विंटल धान के बराबर सीएमआर वितरित किया। शेष चावल वापस करने के लिए कंपनी व उसके गारंटर को कई बार नोटिस जारी किए गए लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। विभाग की ओर से भौतिक सत्यापन कराया गया, जिसमें सामने आया कि मैसर्स मदन लाल कंपनी के मिल परिसर में 6608.70 क्विंटल धान की कमी है। जिससे विभाग को एक करोड़ 80 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। पुलिस ने मामले की जांच के बाद केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।