MP Jayant Sinha Show Cause Notice Update: जयंत सिन्हा...देश की सियासत का एक ऐसा नाम है जो अपने पिता यशवंत सिन्हा की बगावत के बाद भी केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री रहे। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वह शिथिल हैं। उन्होंने चुनाव के 5वें फेज में 20 मई को न तो हजारीबाग संसदीय सीट के लिए वोटिंग के दौरान मतदान किया और न ही अपनी पार्टी बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी की मदद की। उनके इस रवैये से बीजेपी नाराज है। बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
झारखंड बीजेपी के महामंत्री और राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने 20 मई को पत्र भेजकर जयंत सिन्हा से 2 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। आज, 22 मई को जयंत सिन्हा को जवाब देना है। ऐसे में लोगों की नजर उनके जवाब और भाजपा के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।
पत्र में सांसद ने क्या लिखा?
सांसद आदित्य साहू ने पत्र में लिखा- लोकसभा चुनाव 2024 में जब से हजारीबाग लोकसभा सीट से पार्टी द्वारा मनीष जायसवाल जी को प्रत्याशी घोषित किया गया है, तबसे आप न तो चुनाव प्रचार-प्रसार और न ही संगठनात्मक कार्य में रुचि ले रहे हैं। इसके बावजूद लोकतंत्र के इस महापर्व में आपने अपने मताधिकार का प्रयोग करना भी उचित नहीं समझा। आपके द्वारा बरते गए इस रवैये से पार्टी की छवि धूमिल हुई है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी जी के निर्देशानुसार आपसे अनुरोध है कि इस संबंध में 2 दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण देने का कष्ट करें।
जयंत ने खुद खींच लिए थे हाथ
जयंत सिन्हा ने 2 मार्च को X हैंडल पर एक पोस्ट लिखकर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने लिखा कि मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे मेरे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है, ताकि मैं भारत और दुनियाभर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने पर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। बेशक मैं आर्थिक और शासन संबंधी मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा। मुझे पिछले दस सालों से भारत और हजारीबाग के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिला है। मुझे पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा नेतृत्व द्वारा प्रदान किए गए कई अवसरों का आशीर्वाद मिला है। उन सभी के प्रति मेरी हार्दिक कृतज्ञता।
पिता यशवंत पीएम मोदी के धुर विरोधी, खुद मंत्री रहे
हजारीबाग सीट पर जयंत सिन्हा के पिता यशवंत सिन्हा भी सांसद रहे थे। जयंत सिन्हा ने 2014 में राजनीति में कदम रखा था। उन्हें यह सीट विरासत में मिली थी। पहली बार सांसद बने तो उन्हें मोदी सरकार में वित्त राज्यमंत्री बनाया गया। इस बीच उनके पिता यशवंत सिन्हा लगातार भाजपा के खिलाफ मुखर रहे। इसका खामियाजा जयंत सिन्हा को भुगतना पड़ा। 2019 में दूसरी बाद जब सरकार बनी तो जयंत का कद घट गया। उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।