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Chief Minister Hemant Soren Big Order On CBI ED Summons: मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना डाडेल की तरफ से सभी विभागों को आदेश जारी किए गए हैं। जिसमें लिखा गया है कि अधिकारियों को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किसी भी जांच से संबंधित दस्तावेजों के नोटिस और अनुरोधों का सीधे जवाब नहीं देना चाहिए।

Chief Minister Hemant Soren Big Order On CBI ED Summons: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। हेमंत सोरेन पहले तो सात समन के बावजूद खुद प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने हाजिर नहीं हुए। अब उन्होंने अफसरों को भी एक फरमान जारी कर दिया है। सरकार ने सभी विभागों को निर्देश जारी किया है कि वे केंद्रीय एजेंसियों के किसी भी सवाल का जवाब सीधे न दें और न ही उन्हें कोई दस्तावेज सौंपें। अफसरों को पहले अपने विभाग के प्रमुख को इसकी सूचना देनी होगी। विभाग के प्रमुख यह जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग को देंगे। 

इसके बाद मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह लेंगे। कानूनी सलाह के आधार पर केंद्रीय एजेंसी को सूचना दी जाएगी। बता दें कि झारखंड सरकार से पहले बंगाल सरकार ऐसी व्यवस्था लागू कर चुकी है। अब ऐसा करने वाला झारखंड देश का दूसरा राज्य है। 

चिट्ठी में क्या-क्या बातें?
मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना डाडेल की तरफ से सभी विभागों को आदेश जारी किए गए हैं। जिसमें लिखा गया है कि अधिकारियों को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किसी भी जांच से संबंधित दस्तावेजों के नोटिस और अनुरोधों का सीधे जवाब नहीं देना चाहिए। बल्कि कैबिनेट सचिवालय और सतर्कता विभाग को सूचित करना चाहिए।

आगे लिखा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी को लिखे बिना अधिकारियों को नोटिस भेज रही हैं और उन्हें पूछताछ के लिए बुला रही हैं। कई मामलों में अधिकारी जांच में शामिल हो जाते थे और मामले को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना सरकारी दस्तावेजों को केंद्रीय एजेंसियों को सौंप देते थे, यह गलत प्रक्रिया है। ऐसे में जानकारी अधूरी या गलत जानकारी शेयर होने की संभावना है। इससे केंद्रीय एजेंसियों की जांच पर भी असर पड़ेगा। 

अफसरों को नई एसओपी का करना होगा पालन
वंदना डाडेल कैबिनेट सचिवालय और सतर्कता विभाग की प्रभारी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का अपना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो है जो विभाग को रिपोर्ट करता है। केंद्रीय एजेंसियों के साथ जानकारी साझा करने के लिए कैबिनेट सचिवालय और सतर्कता विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। नई प्रक्रिया में अगर अधिकारियों को प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई या आईटी विभाग जैसी एजेंसियों से कोई नोटिस मिलता है, तो उन्हें अपने तत्काल प्रमुख को सूचित करना चाहिए। विभाग प्रमुख जानकारी को नोडल एजेंसी तक पहुंचाएंगे।

इसके बाद कैबिनेट सचिवालय और सतर्कता विभाग कानूनी सलाह लेगा और फिर उसके अनुसार एजेंसियों के साथ जानकारी साझा करेगा।

सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जारी हुए थे 7 समन
प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य में कथित अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को 7 समन जारी किए। इसके अलावा उनके प्रेस एडवाइजर अभिषेक प्रसाद और साहिबगंज के उपायुक्त राम निवास यादव को भी तलब किया। प्रसाद को 16 जनवरी को बुलाया गया है। वहीं राम निवास यादव को 11 जनवरी और एक अन्य व्यक्ति बिनोद सिंह को 15 जनवरी को हाजिर होने के लिए कहा गया है। उनसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत पूछताछ की जाएगी। जांच एजेंसी ने इससे पहले 3 जनवरी को उनके और साहिबगंज के पुलिस उपाधीक्षक राजेंद्र दुबे के परिसरों पर छापा मारा था। 
 

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