Hemant Soren Return: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने शाम 3 बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले राजभवन ने गुरुवार दोपहर 12:30 बजे इंडिया गठबंधन के नेताओं को आमंत्रित किया। जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और आरजेडी नेता सत्यानंद भोक्ता राजभवन पहुंचे।
इससे पहले गुरुवार दोपहर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार शाम को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसके बाद 48 वर्षीय हेमंत के फिर से मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया और उन्होंने तुरंत सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। शाम होत होत हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए।
विधायक दल की बैठक में हेमंत के नाम पर मुहर
रांची में बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इसमें हेमंत सोरेन को फिर से सत्ता की कमान सौंपने पर मुहर लगी। झारखंड के सीएम और वरिष्ठ जेएमएम नेता चंपई सोरेन ने अपने पूर्ववर्ती हेमंत सोरेन को गठबंधन सरकार की जिम्मेदारी सौंपने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि हाईकोर्ट ने कथित जमीन घोटाले में 5 महीने पहले गिरफ्तारी के बाद हेमंत को जमानत पर रिहा किया है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के दौरान हेमेंत ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।
बैठक में मौजूद सूत्रों ने कही बड़ी बात
जेएमएम की अगुआई वाले गठबंधन की बैठक में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि किसी भी अस्थिरता से बचने के लिए चंपई सोरेन को सीएम बनाया गया था और जनादेश हेमंत के नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए था, जिसे 2019 के चुनावों में बहुमत मिला था। हालांकि, चंपई ने शुरुआती तौर पर इनकार किया था और आगे कोई परेशानी होने पर सरकार में कुछ अस्थिरता का हवाला दिया गया था। तब चंपई को मना लिया गया और थोड़ी ना नुकुर के बाद वह पद छोड़ने के लिए तैयार हो गए।
हेमेंत सत्ता में लौटकर वादे पूरे करेंगे, नवंबर में चुनाव
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि सत्ता के सुचारु परिवर्तन के बाद हेमंत अपनी अधूरे वादों को पूरा करने का प्रयास करेंगे, जो इस साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में उनका मुद्दा बनेंगे। चुनाव अभियान में वह जनता को बताएंगे कि कैसे उन्हें "झूठे मामले" में पांच महीने तक जेल में रखा गया और सीएम का पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
ईडी ने गिरफ्तार किया तो छोड़ना पड़ा था सीएम पद
हेमंत सोरेन को ईडी ने 5 महीने पहले कथित भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके कारण उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ा और चंपई को अपना उत्तराधिकारी चुनना पड़ा। 28 जून को उन्हें झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी, जिसमें कहा गया कि यह मानने के कारण मौजूद हैं कि वह अपराध के लिए दोषी नहीं थे।
इस्तीफे के बाद चंपई बोले- हमारा गठबंधन मजबूत
चंपई ने राजभवन से बाहर आने के बाद कहा- मैंने झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के फैसले के अनुसार इस्तीफा दे दिया है। हमारा गठबंधन मजबूत है। सभी जानते हैं कि हेमंत सोरेन जी के साथ क्या हुआ था। मुझे गठबंधन सहयोगियों द्वारा जिम्मेदारी दी गई थी। अब गठबंधन ने हेमंत सोरेन जी के पक्ष में फैसला किया है। वहीं, हेमंत सोरेन ने मीडिया को बताया कि सरकार बनाने की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। शपथ ग्रहण समारोह के बारे में पूछे जाने पर झामुमो नेता ने कहा- जल्द ही सब कुछ खुलासा किया जाएगा।
ईडी जमानत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देगी चुनौती
इस बीच, ईडी जल्द ही हेमंत को जमानत देने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के साथ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। हेमंत सोरेन पहली बार 2013 में मुख्यमंत्री बने थे। मौजूदा झारखंड सरकार का कार्यकाल में करीब 6 महीने ही शेष हैं। झारखंड में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होंगे।