भोपाल। उज्जैन में दो फरवरी को राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस होनी है। राज्यपाल मंगूभाई पटेल की मौजूदगी में चार राज्यों के 270 विश्वविद्यालयों के 100 से ज्यादा कुलपति कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा और चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। पहली बार तीन राज्यों के कुलपति उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे। विक्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सौजन्य से 2 फरवरी को यह राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस होने जा रही है।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति के मार्गदर्शन में हो रहा है आयोजन
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 270 से अधिक शासकीय, अशासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति 2 फरवरी को उज्जैन में जुटेंगे। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मध्य क्षेत्र क्रियान्वयन समिति के लीड कोऑर्डिनेटर हैं। उनके मार्गदर्शन में यह आयोजन यूजीसी के माध्यम से विक्रम विश्वविद्यालय में रखा गया है।
सुबह से लेकर शाम तक 10 सत्र आयोजित होंगे
जानकारी के मुताबिक, 2 फरवरी को शुभारंभ अवसर के लिए राज्यपाल मंगू भाई पटेल और यूजीसी चेयरमैन प्रो. जगदीश कुमार की सहमति मिल चुकी है। अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री को भी शुभारंभ अवसर पर आमंत्रित कर सहमति लेने के प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ के बाद सुबह से लेकर शाम तक 10 सत्र आयोजित होंगे। यह सत्र विश्वविद्यालय के शलाका दीर्घा, विधि अध्ययनशाला के कक्षों में कुलपति अलग-अलग चर्चा करेंगे।
कुलपति अपने अनुभव को करेंगे शेयर
विक्रम विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, चार राज्यों के कुलपतियों के साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 10 पैरामीटर पर चर्चा की जाएगी। जब मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे तो मोहन ने नई शिक्षा नीति को लागू करने में एक बहुत बड़ा योगदान मध्य प्रदेश को दिया। सबसे पहले मध्यप्रदेश राज्य में ही नई शिक्षा नीति लागू की गई है। यही कारण है कि विक्रम विश्वविद्यालय में मेडिकल विषय को छोड़कर अन्य सभी विषय उपलब्ध हैं। कॉन्फ्रेंस में सभी कुलपति अपने अनुभव को साझा करेंगे। जिस राज्य में नई शिक्षा नीति लागू नहीं हुई है। वहां नई शिक्षा नीति लागू करने में किस प्रकार मदद की जाए इसको लेकर चर्चा की जाएगी।