Death due to silent Attack: उज्जैन में सोते वक्त साइलेंट अटैक से युवक की मौत, सीपीआर देने के बाद भी नहीं चली धड़कन

Death due to silent Attack: मध्यप्रदेश के इंदौर में हैरान करने वाली घटना हुई। 25 साल के युवक की नींद में साइलेंट अटैक आने के बाद मौत हो गई। घर वाले युवक को अस्पताल लेकर गए। डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। 

Updated On 2024-05-20 13:31:00 IST
heart attack

Death due to silent Attack: मध्यप्रदेश के इंदौर में हैरान करने वाली घटना हुई। 25 साल के युवक की नींद में साइलेंट अटैक आने के बाद मौत हो गई। घर वाले युवक को अस्पताल लेकर गए। डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। साथियों ने युवक को सीपीआर भी दिया, लेकिन उसकी सांसें दोबारा नहीं चली। मामला उज्जैन शहर का है। 

मल्टीनेशनल ‎‎कंपनी में नौकरी करता था युवक 
उज्जैन निवासी अनिमेश दुबे (25) इंदौर में मल्टीनेशनल ‎‎कंपनी में नौकरी करता था। शनिवार को अनिमेश की छुट्टी रहती थी। युवक 10 बजे उठा, दो गिलास पानी पीया, चाय पी, फ्रेश होने गया। इसे बाद नहाने चला गया। दोपहर एक बजे अनिमेश को पेट में गैस की शिकायत हुई। पिता के कहने पर अनिमेश खुद गाड़ी चलाकर फैमिली डॉक्टर को दिखाकर आया। डॉक्टर ने सारी जांच की, सबकुछ नॉर्मल था।अनिमेश एसीलॉक ‎इंजेक्शन लगवाकर घर आ गया। 

जांच कराने के बाद घर आकर सो गया अनिमेश 
घर आने के बाद अनिमेश ने सबसे बातचीत की और जाकर सो गया। सोते समय अचानक युवक को अटैक आ गया। घरवाले उसे अस्पताल लेकर गए, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। सूचना मिलने पर ऑफिस से पिता सीधे अस्पताल पहुंचे। साथियों ने अनिमेश को‎ सीपीआर दिया, लेकिन उसकी सांसें दोबारा नहीं चलीं। 

रोज इंदौर से उज्जैन अप-डाउन करता था 
अनिमेश के पिता शैलेश दुबे संस्कृत‎‎ महाविद्यालय के ऑफिस में‎ पदस्थ हैं। अनिमेश के का एक बड़ा भाई भी है। अनिमेश ‎पूरी तरह स्वस्थ था। पहले से ‎किसी तरह की कोई बीमारी भी नहीं थी।‎ क्रिकेट खेले का शौकीन था। सिगरेट, तम्बाकू, पान - गुटखा तक नहीं खाता था। रोज ड्यूटी करने इंदौर से अप-डाउन करता था। 

जानें क्या बोले डॉक्टर
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर  का कहना है कि आजकल दिल के दौरे के 30 प्रतिशत मामले 35 साल से कम उम्र के लोगों के आ रहे हैं। इनमें 5 प्रतिशत लोगों की अचानक मौत हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण बिगड़ती दिनचर्या है। तला खाना, फास्ट फूड का चलन है और साथ ही तंबाकू, सिगरेट आदि नशीले पदार्थ हैं। डॉक्टर ने कहा कि अटैक आता अचानक है, लेकिन इसकी शुरुआत बहुत पहले से होने लगती है। एक दिन अचानक ब्लॉकेज होने से धड़कन बंद हो जाती है। मरीज एसिडिटी और हार्ट अटैक के दर्द में अंतर नहीं कर पाते। 

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