भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार अपने दिलचस्प बयानों से सुर्खियों में हैं। सियासी गलियारों में उनके बयानों की चर्चा रुकने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व सीएम एक के बाद एक बयान दिए जा रहे हैं। आखिर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चाहते क्या हैं? देखें हरिभूमि और INH न्यूज़ के प्रधान संपादक हिमांशु द्विवेदी के साथ शो 'बात सपाट' में।
मुझे पूर्व मुख्यमंत्री कहिए, लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं
हाल ही में शिवराज सिंह का एक और बयान सुर्खियों में है। शिवराज ने कहा है कि मुझे पूर्व मुख्यमंत्री कहिए, लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं। सीएम का पद छोड़ दिया, तो ऐसा नहीं है कि मैं राजनीति नहीं करूंगा। राजनीति किसी पद के लिए नहीं, बल्कि लक्ष्य के लिए होती है। शिवराज ने यह भी कहा था कि कई बार हम पद छोड़ने पड़ते हैं। खासकर, जब जनता ऊबने लगे। लोग गाली देने लगें कि इतने समय से यही बैठा हुआ है। लेकिन अपन पद छोड़कर भी आए तो ऐसे आए कि लोग इतना चाहते हैं कि कहते हैं कि मामा...मामा... मामा...मामा...। लोगों का प्यार ही मेरी असली पूंजी है।
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सियासी गलियारों में चर्चा बटोर रहे शिवराज के बयान!
- 8 जनवरी को शिवराज ने भोपाल के ब्रह्मकुमारीज सुख शांति भवन के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में कहा था कि कुर्सी है तो चरण कमल, हटे तो होर्डिंग से फोटो गधे के सींग की तरह गायब हो जाते हैं। शिवराज ने कहा कि था कि जीवन में जब हम दूसरों के लिए काम करते हैं, तो जिंदगी आनंद से भर जाती है। अब मुझे राजनीति से हटकर काम करने का मौका भी मिल रहा है।
- 7 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने भैरूंदा में डीजे, बैंड और ढोल-ताशों का संचालन करने वालों से कहा था कि सरकार के कोलाहल नियंत्रण नियम को लेकर शिवराज से मिले। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आप बैंड बजाएं, ढोल बजाएं, ताशे बजाएं, कोई रोकेगा तो हम देख लेंगे।
- पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 7 जनवरी को भैरूंदा में डीजे, बैंड और ढोल-ताशों के संचालक सरकार के कोलाहल नियंत्रण नियम को लेकर से मिले थे। यहां पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि आप बैंड बजाएं, ढोल बजाएं, ताशे बजाएं, कोई रोकेगा तो हम देख लेंगे।