AIIMS Bhopal and Adamya Herbal MOU : एम्स भोपाल ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। मंगलवार को एम्स भोपाल व स्टार्टअप कंपनी अदम्या हर्बल केयर प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक MOU (समझौता ज्ञापन) हस्ताक्षर हुआ। 

MOU के दौरान एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह और अदम्या हर्बल केयर प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि डॉ. महेश वर्मा मौजूद रहे। दोनों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। बताया कि यह स्वास्थ्य देखभाल समाधानों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक सहयोगात्मक प्रयास की शुरुआत है। 

AIIMS Bhopal and Adamya Herbal MOU 

प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने कहा, यह सहयोग स्वास्थ्य सेवा में अग्रणी अनुसंधान और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हम इस बात को लेकर आशावादी हैं कि हमारे संयुक्त प्रयासों का समुदाय और समग्र राष्ट्र की भलाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हर्बल नवाचारों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल समाधानों को आगे बढ़ाने की हमारी खोज में हमारा लक्ष्य ऐसे उत्पाद बनाना है, जो न केवल स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ाएं बल्कि 'मेक इन इंडिया' दृष्टिकोण में भी योगदान दें। फिलहाल यह एमओयू पांच साल के लिए है। 

1.46 करोड़ के अनुदान का वादा 
इस दौरान मुख्य रूप से पांच प्रोजेक्ट में अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें लिवर सिरोसिस, आंत स्वास्थ्य, हड्डी स्वास्थ्य, मोतियाबिंद और मैक्यूलर डीजेनरेशन और वायरल संक्रमण जिसमें कोविड भी शामिल है। अदम्या हर्बल केयर प्राइवेट लिमिटेड ने अनुसंधान के लिए 2 वर्षों के लिए 1.46 करोड़ रुपए का अनुदान देने का भी वादा किया है। यह वित्तीय सहायता न केवल अनुसंधान को बढ़ावा देगी,  बल्कि नवोन्वेषी नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप रोजगार सृजन में भी योगदान देगी। इस सहयोग में अदम्या हर्बल केयर प्राइवेट लिमिटेड फॉर्मूलेशन प्रदान करेगा। जबकि, एम्स भोपाल नैनो फॉर्मूलेशन और एक सटीक दृष्टिकोण का उपयोग करके साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक सत्यापन करेगा। 

उत्पादों का पेटेंट कराया जाएगा
प्रोफेसर डॉ अजय सिंह ने बताया, इस नवीन पद्धति का उद्देश्य पारंपरिक दवाओं से जुड़े दुष्प्रभावों को कम करते हुए हर्बल दवाओं के उपयोग को बढ़ावा देना है। सफलतापूर्वक तैयार हो जाने पर उत्पन्न उत्पादों का पेटेंट कराया जाएगा। इसके बाद, उन्हें बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा, जो न केवल एक मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान देगा, बल्कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार स्वदेशी उत्पादों के उपयोग के दृष्टिकोण को भी साकार करेगा।