AIIMS Bhopal में मरीजों को दिए जाने वाली सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। अत्याधुनिक मशीनों और हाईटेक तकनीक के इस्तेमाल से यहां गंभीर बीमारियों का उपचार संभव हो गया। कार्यपालक निदेशक डॉ अजय सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने इसे सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर रेयर डिजीज के रूप में घोषित किया है।
आयुष्मान भारत योजना के 13337 लाभार्थी
स्वास्थ्य सुविधाओं के अध्ययन के लिए आए मणिपुर के दल को जानकारी देते हुए डॉ अजय सिंह ने बताया कि एम्स भोपाल पिछले 16-17 महीनों के दौरान लोगों में विश्वास उत्पन्न करने में सफल रहा है। जिस कारण ओपीडी में आने वाले मरीज 60 हज़ार से 95 हज़ार (56 फीसदी बढ़ोत्तर), आईपीडी में भर्ती होने वाले मरीज़ 32 हज़ार से 51 हजार 58 फीसदी बढ़ गए हैं। वहीं इमर्जेन्सी के मामले अप्रत्याशित रूप से 170 फीसदी बढ़कर साढे तीन हज़ार से 9 हज़ार तीन सौ हो गए हैं। इसी प्रकार आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या 53 फीसदी बढ़कर 13337 हो गई है।
सुविधाओं का होगा विस्तार
डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में एम्स भोपाल देश में तीसरे स्थान पर है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में अभी तक 141713 आईडी इससे जोड़े जा चुके हैं। भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एम्स भोपाल को सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर रेयर डिजीज के रूप में घोषित किया गया है। आने वाले दिनों में मरीज़ों के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इसमें ट्रांसप्लांट सेंटर, किडनी एवं लिवर ट्रांसप्लांट, गामा नाइफ की सुविधा, अपेक्स पीडियाट्रिक सेंटर, ट्रांसजेंडर क्लीनिक आदि की स्थापना प्रमुख है।
मरीजों से की बात
मणिपुर के दल में पीएच केनी, एस बिमोला, केएच नोमिता, आरिश और प्रेम कुमार शामिल थे। यह सभी पत्रकार विकसित भारत यात्रा के सिलिसिले में भोपाल आए हैं। अस्पताल के प्रबंधन से मुलाकात के बाद रोगियों से बात कर उन्हें मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। साथ ही प्रसन्नता व्यक्त करते हुए एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह को उनके साथ बातचीत करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।