Plane Crash: शिवपुरी में सेना का फाइटर प्लेन क्रैश, दोनों पायलट ने कूदकर बचाई जान

Plane Crash: मध्यप्रदेश के शिवपुरी में एयरफोर्स का ट्विन-सीटर मिराज 2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गुरुवार (6 फरवरी) को हुए इस हादसे में दोनों पायलट घायल हो गए।;

Update:2025-02-06 16:41 IST
Plane Crashes: शिवपुरी में सेना का फाइटर प्लेन क्रैश, दोनों पायलट घायलAir Force fighter plane crashes
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Plane Crash: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में गुरुवार को सेना का फाइटर प्लेन क्रैश हो गया। करैरा तहसील के सुनारी थाना क्षेत्र में बहरेटा सानी गांव के पास हुए इस हादसे में दोनों पायलट गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे की वजह सामने नहीं आई। एयर फोर्स की अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं।

एयरफोर्स के एक अधिकारी ने बताया कि शिवपुरी जिले के बहरेटा सानी गांव में ट्विन-सीटर मिराज 2000 नियमित उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। हादसे की वजह पता करने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं। 

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में बहरेटा सानी गांव के पास एयरफोर्स का टू सीटर फाइटर प्लेन मिराज-2000 क्रैश हो गया। गुरुवार दोपहर 2.40 बजे हुए इस हादसे में दोनों पायलट ने कूदकर जान बचाई। सूचना मिलते ही एयरफोर्स की टीम हेलिकॉप्टर से घटना स्थल पर पहुंची और घायल पायलट विक्रांत जाधव और विंग कमांडर विराज भोला को लेकर ग्वालियर रवाना हुई।   

विमान में मौजूद थे 2 पायलट
करैरा थाना प्रभारी विनोद छावई के मुताबिक, दुर्घटनाग्रस्त विमान में 2 पायलट मौजूद थे। इस दौरान एक ने पैरासूट से छलांग लगाकर खुद को इंजेक्ट कर लिया। जबकि, दूसरे की हालत गंभीर है।  

विमान में तकनीकी खराबी
विमान हादसे की शुरुआती जांच में तकनीकी खराबी दुर्घटना की प्रमुख वजह बताई जा रही है। मिराज-2000 एक ऐसा लड़ाकू विमान है, जिसने भारतीय वायुसेना के विभिन्न अभियानों में अहम भूमिका निभाई है। 2019 में बालाकोट हवाई हमलों में मिराज 2000 की अहम भूमिका रही। 

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5 साल में हुए 34 विमान हादसे 
संसद में प्रस्तुत रक्षा संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 से 2022 तक 34 विमान दुर्घटनाएं हुईं हैं। 2017-18 में 8 और 2018-19 में 11 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। हालांकि, 2019-20 और 2020-21 में दुर्घटनाओं में कमी आई है। दोनों साल 3-3 विमान दुर्घटनाएं हुईं, लेकिन 2021-22 में यह संख्या 9 हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, 19 विमान घटनाएं पायलट दल की मानवीय भूल के चलते और 9 हादसे तकनीकी खराबी के चलते हुए हैं।

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