Logo
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आह्वान पर अयोध्या में आगामी जनवरी में होने वाले राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमित्त मध्यभारत प्रान्त के 25 लाख से अधिक परिवारों को निमंत्रण दिया जाएगा।

भोपाल। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आह्वान पर अयोध्या में आगामी जनवरी में होने वाले राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमित्त मध्यभारत प्रान्त के 25 लाख से अधिक परिवारों को निमंत्रण दिया जाएगा। 5 नवंबर को श्री राम मंदिर में पूजित अक्षत कलश भोपाल आ चुके हैं। इन पूजित अक्षत कलश का जिला सह वितरण कार्यक्रम गुफा मंदिर, लालघाटी भोपाल में रखा गया, जिसमें साध्वी महामंडलेश्वर प्रज्ञा भारती दीदी, महंत रामदास त्यागी महाराज, महंत अनिलानंद महाराज, महामंडलेश्वर राम भूषण दास महाराज, महंत राधा मोहन दास महाराज, महंत रविन्द्र दास महाराज, सुदेश शांडिल्य महाराज, विहिप केंद्रीय उपाध्यक्ष हुकुमचंद सावला, संघ के प्रांत संघचालक अशोक पांडेय, विहिप प्रांत अध्यक्ष पीतांबर राजदेव, प्रान्त कार्याध्यक्ष के एल शर्मा एवं संघ परिवार के अन्य संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी, समाज के गणमान्य नागरिक के साथ संगठन के 32 जिलों के प्रतिनिधि पूजित अक्षत कलश अपने जिलों में ले जाने के लिए उपस्थित रहे।

अक्षत निमंत्रण को लेकर घर-घर जाएंगे

विहिप के प्रांत प्रचार प्रसार प्रमुख जितेंद्र चौहान ने बताया कि तीर्थ क्षेत्र न्यास के आह्वान पर इस अक्षत निमंत्रण को लेकर, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर, 1 जनवरी से 15 जनवरी के बीच, प्रान्त के नगर ग्रामों में, हिंदू परिवारों तक जाएंगे। आगामी 22 जनवरी को तो वह दूसरी दीपावली होगी जब रामजी 500 वर्षों के बाद, भारत की स्वतंत्रता के अमृत वेला में अपने जन्म-स्थान पर लौटेंगे।

दर्शनों की व्यवस्था की गई

इसलिए विहिप का आह्वान है कि प्रान्त भर के हिंदू अपने मुहल्ले या गांव के मंदिर को ही अयोध्या मानकर वहां एकत्र हों। वहाँ की परंपरानुसार पूजा-पाठ, आराधना व अनुष्ठान करें। पूज्य संतों द्वारा दिए गए विजय महा-मंत्र श्रीराम जय राम जय जय राम का जाप करें तथा अयोध्या के भव्य-दिव्य कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को साक्षात देखें। विहिप ने देश को 45 भागों में बांटकर प्रत्येक भाग के लिए 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच में उस भाग के लिए निश्चित दिन अयोध्या आने का निवेदन किया है। इसी क्रम मे मध्यभारत प्रान्त से 17 फरवरी को लगभग 2500 लोगों के दर्शनों की व्यवस्था की गई है।

5379487