इंदौर। अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन से पहले कांग्रेस नेता व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा सवाल उठाया है। राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने कहा, रामलला की जिस मूर्ति पर सारा झगड़ा हुआ, वह मूर्ति मूर्ति स्थापित क्यों नहीं हुई। नई मूर्ति की आवश्यकता क्यों पड़ रही है। कांग्रेस नेता दिग्विजय ने पूछा रामलला की पुरानी मूर्ति आखिर कहां गई।  

राम मंदिर के लिए बनवाई तीन मूर्तियां 
अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने देश के तीन ख्यात मूर्तिकारों से अलग-अलग तीन राम के मंदिर को लेकर मूर्तियां बनवाई थी। इनमें से दो मूर्तियों का चयन राम मंदिर में स्थापना के लिए हुआ है। मैसूर के अरुण योगीराज के द्वारा बनाई गई मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जानी है। जबकि, दूसरी मूर्ति राम मंदिर के अन्य हिस्से में स्थापित की जाएगी। 

अयोध्या राम मंदिर के लिए मैसूर के ख्यात मूर्तिकार अरुण याेगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की नई मूर्ति।

गर्भगृह में स्थापित की जानी दो मूर्तियां 
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट द्वारा बताया गया है कि अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की दो मूर्तियां स्थापित की जानी है। एक मूर्ति तो अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई होगी। जबकि, दूसरी मूर्ति रामलला की वही पुरानी मूर्ति स्थापित की जानी है, जिस पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सवाल उठा रहे हैं। 

VVPAT की पर्ची से हो मतगणना 
विधानसभा चुनाव में हार के बाद दिग्विजय सिंह बुधवार को पहली बार इंदौर गए थे। यहां कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक कर लोकसभा चुनाव की तैयारियों रूपरेखा तय की। साथ ही विधानसभा चुनाव में हार के कारण जाने। पूर्व सीएम ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए VVPAT की पर्ची से मतगणना कराए जाने की मांग उठाई।  पूर्व मुख्यमंत्री ने दिग्विजय सिंह ने कहा हम यह नहीं कर रहे हैं कि मतदान EVM से न कराएं। हम तो बस इतना चाहते हैं कि मतदान के बाद VVPAT में गिरने वाली पर्ची वोटर्स को हाथ में मिले और उसे वह अपने हाथ से अलग बॉक्स में डाल दें। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, निष्पक्ष मतदान देश के 90 करोड़ मतदाताओं का अधिकार है। मतदान के बाद बाक्स में डाली गईं पर्चियों की काउंटिंग हो और इसी के आधार पर चुनाव परिणाम घोषित किए जाएं।