Bhopal News: आयुर्वेद के बाजार में फूड सप्लीमेंट और इम्युनिटी बूस्टर का कारोबार 40 करोड़ रुपए के पार हो गया है। कई लोग आंख बंद करके उत्पादों को ऑनलाइन और ऑफलाइन बेच और खरीद रहे हैं। आयुर्वेद के नाम से क्या बिक रहा है, किसी को जानकारी नहीं है, जिसके लिए एफएसएसएआई ने उत्पादों की जांच कर सैंपल लेने के खाद्य सुरक्षा विभाग को निर्देश जारी किए हैं।
कारोबारियों को लाइसेंस लेने कहा
आयुर्वेद आहार के नाम से खाद्य सामग्री या अन्य पदार्थ बनाने वालों को अब खाद्य सुरक्षा विभाग से इसका लाइसेंस भी लेना होगा। राजपत्र जारी होने के बाद भोपाल के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने इस संबंध में निर्देश जारी कर कारोबारियों को लाइसेंस लेने कहा है, लेकिन यहां पर किसी ने लाइसेंस के लिए भी आवेदन नहीं किया। अफसरों को खुद भी डिपार्टमेंटल स्टोर या बड़े स्टोरों में जाकर जांच करना पड़ेगी।
जल्द करेंगे आयुर्वेद सप्लीमेंट के सैंपल
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे के अनुसार आयुर्वेद आहार के संबंध में लाइसेंस लेने के निर्देश दिए गए हैं। हम लोग इसके सैंपल कलेक्ट करेंगे। जिसकी जांच भी कराई जाएगी।
यह प्रोडक्ट्स दायरे में
ग्वार, अरेबिक बबूल, ट्रैका कैथ गोंद, ग्वार गोंद, पेक्टिन, कराया गोंद, कोजेक फ्लोर, मांड, शहद, गुड़, खजूर, खजूर का सिरप, खांडसारी, करम्यूनिक, हल्दी, पापरिक, पापरिक सत्त, पापरिक ओलियो रेजन, एन्नाटो सत, क्लोरोफिल ए. क्लोरोफिल बी, कैरामल सादा, किसी रंगीन सब्जी और फल का सांद व जल सत। पिसे मसाले, गुलाब का तेल, केवड़ा, रोजमेरी तेल, नींबू का सत, आटा, दलिया, रवा, मसालों के आसुत तेल। सिट्रिक व टैट्रिक एसिड व अन्य को शामिल किया गया है।