Logo
Betul Famous Places : मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सीमा पर सतपुड़ा की वादियों पर स्थित बैतूल जिला प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। यहां कई आकर्षक पर्यटन स्थल और मंदिर हैं। बैतूल अपनी प्राचीन परंपराओं, धरोहरों और हस्तशिल्प कलाओं के लिए भी प्रसिद्ध है।

Betul Famous Places: मध्यप्रदेश में 55 जिले हैं। हर जिले की अपनी एक अलग पहचान है। रहन-सहन, बोली और व्यंजन के लिहाज से भी यह एक-दूसरे से अलग हैं। हरिभूमि आपको 'मेरा शहर' सेगमेंट के तहत प्रतिदिन एक जिले की संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं से रूबरू कराता है। शनिवार, 26 अक्टूबर को जानें बैतूल जिले की खासियत...।

बैतूल मध्य प्रदेश के दक्षिणी छोर और सतपुड़ा की वादियों पर स्थित है। यह पर्वत शृंखला 653  मीटर उंची है। इसके दोनों ओर तवा और नर्मदा नदी स्थित है। सतपुड़ा पर्वत शृंखला की सबसे ऊंची चोटी किलनदेव है। समुद्र तल से इसकी उंचाई 1107 मीटर है। जबकि, तवा घाटी समुद्र तल से करीब 396 मीटर उंचाई पर स्थित है। तवा घाटी सागौन के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। बैतूल जिला ब्रिटिश शासन के खिलाफ मोर्चेबंदी और अमर शहीद विष्णु सिंह गोंड के लिए प्रसिद्ध है। 

Balajipuram
Balajipuram

बैतूल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल

  • कुकरु (Kukaru): बैतूल से 92 किमी की दूरी पर कुकरू सबसे ऊंची चोटी है। यहां कोरकू जनजाति के लोग रहते हैं। इस कारण इसका नाम कुकरू पड़ गया। समुद्रतल से इसकी उंचाई 1137 मीटर है। यहां से उगते सूर्य और सूर्यास्त को देखना अत्यंत मनोरम लगता है। कुकरू काफी की बागवानी के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की सुंदरता पर्यटकों को खूब भाती है। ट्रेन, बस और टैक्सी के जरिए यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
  • ताप्ती उद्गम (tapti udgam): पुण्य सलिला ताप्ती नदी के उदगम स्थल को  देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। स्कंद पुराण में ताप्ती नदी को सूर्यपुत्री और शनि की बहन कहा गया है। शनि से परेशान लोग ताप्ती स्नान के लिए आते हैं। ताप्ती मध्य प्रदेश की दूसरी प्रमुख नदी है। 724 किलोमीटर लंबी यह नदी अरब सागर में खम्बात की खाडी में जाकर मिलती है। सूरत और बरहापुर जैसे बड़े शहर इसी के किनारे बसे हैं। बस और टैक्सी के जरिए ताप्ती उदगम तक पहुंचा जा सकता है।
  • बालाजीपुरम् (Balajipuram): बैतूल से 7 किमी दूर राजमार्ग-69 पर बालाजी का विशाल मंदिर है। जहां बड़ी संख्या में भक्त पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं। यहां भगवान राम के जीवन से जुड़े विभिन्न घटनाओं को चित्रों में दर्शाया गया है। यहां वैष्णव देवी का मंदिर और कृत्रिम झरना है। श्रद्धालु नौका विहार का लुत्फ भी उठा सकते हैं। वसंत पंचमी पर हर साल यहां मेला लगता है। पूरे भारत में पांचवें धाम के रूप में प्रसिद्ध है। ट्रेन, बस और टैक्सी के जरिए बालाजीपुरम पहुंच सकते हैं।
  • सालबर्डी (Salbardi): बैतूल बैतूल 115 किमी दूर सालवर्डी ब्लॉक में भगवान शिव की प्राचीन गुफा है। इसमें अनूठा शिवलिंग है। जिसमें पहाड़ी से निकली जलधारा गिरती है। मानों प्रकृति खुद जल अभिषेक करती हो। शिवरात्रि पर यहां विशाल मेला लगता है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र  से यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। मान्यता है कि भस्मासुर जब भगवान शिव का पीछा कर रहा था तब भोलेनाथ कुछ देर इस गुफा ठरहे थे। 
  • मुक्तागिरि (Muktagiri): बैतूल से 102 किमी दूर थपोडा में जैन तीर्थ स्थल है। मुक्तागिरी प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक परंपराओं का संगम है। जो दिगम्बर जैन संप्रदाय के 52 प्रमुख तीर्थ स्थलों से एक है। भगवान पाश्र्वनाथ की सप्तफणिक प्रतिमा स्थापित है। यहां मन को शांति और सुकून मिलता है। यहां देश के कोने-कोने से लोग दर्शन के लिए आते हैं। ट्रेन, बस और टैक्सी के जरिए यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
Kukru Batul
Kukru Batul

रहन-सहन और बोली
बैतूल जिले में हिंदी, गोंडी, मराठी, कोरकू और बुंदेली बोली जाती है। यहां मराठी और महारास्ट्रियन संस्कृति बोलने वाले भी पर्याप्त लोग रहते हैं। आदिवासी बहुल बैतूल जिले में गोंड परंपराओं का पुट मिलता है। इनकी पूजा पद्धति के तौर तरीके अलग हैं।  यहां पुरातत्व संग्रहालय भी है। जिला प्रशासन ने जिलेभर में बिखरे स्मारकों और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित किया है। 

Betul Famous Handicrafts
Betul Famous Handicrafts

हस्तशिल्प कला 
बैतूल जिला अपनी हस्तशिल्प कलाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां कई प्रकार के बर्तन और उपयोगी वस्तुएं बनाई जाती हैं। बैतूल के समीप टिगरिया में जऱी ज़रदोज़ी, काष्ठ शिल्प, ढोकरा शिल्प सहित अन्य कलात्मक वस्तुएं बनाई जाती हैं। बैतूल में बने ज़री के बटुओं की देश-विदेश में अच्छी डिमांड है।  

बैतूल जिले की आबादी और क्षेत्रफल 

कुल आबादी  1,575,247
पुरुष   799,721
महिला  775,526
क्षेत्रफल 10,043 किमी 

यह भी पढ़ें: मेरा शहर: प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध विरासत का संगम है भोपाल, तस्वीरों में देखें खूबसूरती
शिक्षा, रोजगार और उद्योग 
बैतूल कृषि प्रधान जिला है। छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम के लगे इस जिले के लोगों की आय का प्रमुख साधन खेती है। आरा मशीनें, आयल मिल, और रेशम उत्पादन केंद्र प्रमुख उद्योग हैं। रोजगार और शैक्षिणिक संस्थानों के लिहाज से बैतूल जिला काफी पिछड़ा है। यहां के युवा भोपाल, छिंदवाड़ा और मुंबई नागपुर जैसे शहरों पर आश्रित हैं। 

Betul Famous Food
Betul Famous Food

यह भी पढ़ें: मेरा शहर: रीवा MP का तेजी से उभरता शहर, सफेद बाघ और सोलर प्लांट से बनी विश्व स्तरीय पहचान

प्रमुख व्यंजन 

  • पूरन पोली: पूरन पोली यहां का प्रमुख व्यंजन है। भरवां मसालेदार चना दाल और गुड़ से बनी मीठी दाल भरी जाती है। 
  • महाराष्ट्रियन थाली: महाराष्ट्रियन थाली यहां का प्रमुख व्यंजन है। इसमें महाराष्ट्र के पारंपरिक व्यंजन शामिल होते हैं।
5379487