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Betul News: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के सावली गढ़ के ग्रामीण गंगा कुंड के पास स्थित प्राचीन शिव मंदिर में पुरानी परंपरा के अनुसार जलभराव कर रहे हैं। जलभराव करने वालों में छोटी बच्चियां भी लोटे में पानी भरकर मंदिर तक लाते हुए अपना सहयोग कर रही हैं। यहां के लोगों की मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान की कृपा होती है और बरसात हो जाती है।

Betul News: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के रहवासी भगवान शंकर और उनके सेवक नंदी को मना रहे हैं। प्रदेश में अच्छी बारिश से फसल की उपज हो सके इसके लिए ग्रामीण मंदिर में स्थापित शिवलिंग को जलमग्न करने के लिए दूर दूर से घडे और अन्य बर्तनों में पानी ला कर ड़ाल रहे हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर अस्थाई अवरोधक लगाते हुए जलभराव किया जा रहा है।

पुरानी परंपरा के अनुसार जलभराव
जिले के ग्राम खेड़ी सावली गढ़ के ग्रामीण गंगा कुंड के पास स्थित प्राचीन शिव मंदिर में पुरानी परंपरा के अनुसार जलभराव कर रहे हैं। जलभराव करने वालों में छोटी बच्चियां भी लोटे में पानी भरकर मंदिर तक लाते हुए अपना सहयोग कर रही हैं। यहां के लोगों की मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान की कृपा होती है और बरसात हो जाती है।

कम बारिश से अन्नदाता चिंता में
ग्रामीणों के अनुसार बीते एक माह से रुक रुक कर बरसात हो रही है, इस तरह की कम बारिश से सभी अन्नदाता चिंता में है। ऐसा इसलिए है कि अधिकतर किसानों ने खेतों में बोवनी का काम शुरू कर लिया है, लेकिन आसमान में काले बादलों की मौजूदगी के बावजूद मृग नक्षत्र पूरा निकल जाने के बाद भी जिस तरह से बरसात होना चाहिए था वो नहीं हो रही है।

भरपूर बारिश करने का आदेश
मृग नक्षत्र के निकल जाने और अब तक अच्छी बारिश नहीं होने से यहां पर पहले विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। भगवान भोलेनाथ के जयकारे हर हर महादेव के जयघोष के साथ शिवलिंग एवम नंदीश्वर को पूरी तरह जलमग्न कर दिया। जब शिवलिंग और नंद दोनो पूरी तरह जल मग्न हो गए उसके बाद ग्रामीणों ने भोलेनाथ की आरती कर सम्पूर्ण क्षेत्र में भरपूर बारिश करवाने की कामना की। ग्रामीणों का मानना है की ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने के लिए इंद्रदेव को क्षेत्र में भरपूर बारिश करने का आदेश देते है। ऐसा माना जाता है की यहां की भूमि तपस्वी महाराज दामजी बाबा की तपोस्थली है।

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