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Cyber crime News: मध्यप्रदेश में साइबर ठगों ने बड़ा जाल बिछा दिया है। जालसाज रोज नए तरीकों से लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। लगातार शिकायतों के बाद भी पुलिस जघन्य अपराध पर लगाम लगाने में असफल है। पढ़ें चौंकाने वाली रिपोर्ट।

Cyber crime News: मध्यप्रदेश सहित देशभर में साइबर ठगों ने बड़ा जाल बिछा दिया है। जालसाज रोज नए तरीकों से लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। खून-पसीने की कमाई गंवाने के बाद लोग पुलिस से शिकायत करते हैं। केस दर्ज होते हैं, लेकिन जघन्य अपराध पर रोक नहीं लगती। ठग आसानी से लोगों को लूट रहे हैं। पुलिस ठगों तक पहुंचते में लगातार असफल है। सिर्फ जांच तक ही पुलिस सीमित है। समझदारी सिर्फ इसी में है कि आप खुद अलर्ट हो जाइए। ठगों के निशाने पर आज कोई और तो कल आप भी हो सकते हैं। इसलिए सावधान रहें, क्योंकि एक बार आपका पैसा गया तो मिलना मुश्किल है। 

कलेक्टर-SP को भी बनाया निशाना 
साइबर ठग रोज नए तरीकों से ठगी को अंजाम देते हैं। MP के कई कलेक्टर और मंत्री भी साइबर ठगों के जाल में फंस चुके हैं। सोमवार रात राजधानी भोपाल में ठगी की चौंकाने वाली घटना हुई। पिता के नाम पर पैसे भेजने का झांसा देकर ठग ने श्रीराम कॉलोनी में रहने वाले शख्स से 4000 रुपए ऐंठ लिए। ठग 35000 और लूटने वाला था तभी शख्स को शक हुआ और उसने  फोन काटकर पुलिस से ठगी की शिकायत की। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

ऐसे समझिए ठग ने कैसे किया इमोशनल अत्याचार 
भोपाल की श्रीराम कॉलोनी में रहने वाले रंजीत शर्मा ( बदला हुआ नाम) अपनी पत्नी शीतला शर्मा के साथ बाजार जा रहे थे। सोमवार रात 9.05 बजे '8517087338' नंबर से गाड़ी चला रहे रंजीत के पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि आपके पिता ने फोन-पे पर 25 हजार रुपए भेजने को कहा है। युवक ने गाड़ी चलाते हुए ठग से कहा कि मैं फोन पे नहीं चलाता। आप मेरी पत्नी के नंबर पर पैसे डाल दीजिए। ठग ने नंबर नोट किया और कहा कि 1 रुपए भेज रहे हैं देखो जरा आया क्या। रंजीत ने अपनी बेटी को फोन कर पूछा कि एक रुपए मोबाइल में आया क्या। बेटी ने कहा नहीं। इसी बीच ठग ने फिर रंजीत को फोन किया और कहा कि देखो पैसे आए क्या। रंजीत ने कहा कि थोड़ी देर में मैं घर पहुंचता हूं फिर देखूंगा। तब तक ठग 10 से ज्यादा बार रंजीन को फोन कर चुका था। 

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Cyber fraud: ठग ने रंजीत के 4000 रुपए इसी खाते में कर लिए ट्रांसफर।    

एक रुपए भेजकर कर दिया खाता खाली 
घर पहुंचते ही रंजीत के पास फिर ठग का फोन आया। ठग ने कहा कि एक रुपए आया क्या। रंजीत ने देखने के बाद कहा कि हां एक रुपए आया है। ठग ने कहा कि अब मैं फोन-पे पर 10 हजार रुपए भेज रहा हूं। ठग ने  'Payment Receive Fully Success Credit Card Wallet to Bank Transfer Money' का मैसेज भेजा और क्लिक करने को कहा। रंजीत ने क्लिक किया तो 10 हजार रुपए Failed का मैसेज आया। ठग ने फिर 4000 रुपए भेजने का मैसेज किया। रंजीत ने जैसे ही 4 हजार रुपए वाले मैसेज पर क्लिक किया तो उनके पत्नी के मोबाइल से 4000 रुपए कट गए। चूंकि मोबाइल पर 10 हजार रुपए नहीं थे इसलिए 10 हजार का Failed मैसेज दिख रहा था। 

35 हजार दूसरे अकाउंट से उड़ाने की कोशिश
ठग ने फिर रंजीत को फिर फोन किया और कहा कि फोन-पे पर कोई टेक्निकल दिक्कत है। आप आपना नंबर दीजिए उस पर डाल देता हूं। इसके बाद ठग ने रंजीत के नंबर पर 35000 का मैसेज किया। रंजीत को लगा कि ये तो 25000 देने की बात कह रहा था अचानक से 35 हजार क्यों डाल रहा है। रंजीत ने फोन काटा और अपने पिता को तुरंत फोन कर पूछा कि आपने ने किसी को मेरे अकाउंट में पैसे भेजने को कहा है क्या? रंजीत के पिता ने कहा नहीं? रंजीत समझ गए कि ये ठग है। इसके बाद ठग का फिर फोन आया तो रंजीत ने कुछ सवाल करते इससे  पहले ही ठग ने फोन बंद कर लिया।

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'Payment Receive Fully Success Credit Card Wallet to Bank Transfer Money' का मैसेज भेजकर की ठगी। 

रंजीत ने दर्ज कराया केस 
रंजीत ने '1930' नंबर पर तुरंत फोन किया और मिसरोद थाने पहुंचे। थाना प्रभारी मनीषराज सिंह भदौरिया को पूरा मामला बताया। टीआई ने रंजीत से लिखित आवेदन के साथ मोबाइल पर हुई ठगी के सभी स्क्रीनशॉट लिए हैं। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 

टीआई बोले-हर दिन ठग रहे लोग, सावधानी ही बचाव
टीआई मनीषराज सिंह का कहना है कि साइबर फ्रॉड के ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ठग नए-नए तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं। लोगों से अपील है कि वे जागरूक रहें, क्योंकि सावधानी ही ठगी से बचाव का तरीका है। मोबाइल पर आए OTP को साझा न करें। अगर कोई अनजान व्यक्ति Phonepe-Google Pay या अन्य किसी पर पैसे भेजने की बात कर रहा है तो सतर्क रहें। Password न बातएं। अकाउंट में कितने पैसे हैं ये भी न बताएं। अगर ठगी हो जाती है तो तुरंत 1930 नंबर पर फोन कर शिकायत करें। अगर नंबर पर शिकायत नहीं होती है तो तुरंत नजदीकी थाने जाकर शिकायत दर्ज करवाएं।  

कटनी: क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर ठगी की कोशिश
कटनी में एनकेजे थाना क्षेत्र स्थित रोशन नगर निवासी रमाकृपाल (परिवर्तित नाम) के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। साइबर ठग ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। कहा, तुम्हारे बेटे को बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किया है। इसे बचाना चाहते हो तो 25 हजार रुपए एकाउंट में ट्रांसफर कराओ। आरोपी बेटे की क्लोन आजवा भी सुनाई, जिससे वह घबरा गए। इस बीच उन्होंने बेटे के नंबर पर कॉल जानकारी ली तो सुरक्षित था। फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही ठग ने फोन काट दिया। 

राजगढ़: बेटा के नाम पर पिता को लूटने की कोशिश
राजगढ़ के नरसिंहगढ़ निवासी राजकुमार (परिवर्तित नाम) का रविवार को एक्जाम था। भोपाल में जिस समय वह परीक्षा दे रहे थे, तभी साइबर ठग ने उनके घर में पिता के नंबर पर कॉल किया। कहा, आपका बेटा को देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त मिला है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इसे छुड़ाना चाहते हो तो 40 हजार रुपए ट्रांसफर करो। परिवार के लोग घबरा गए। बेटे को कॉल तो मोबाइल बंद था। जिसके बाद भोपाल में रहने वाले बेटे के दोस्त को कॉल किया। दोस्त एक्जाम सेंटर जाकर पता किया तो वह एक्जाम दे रहा था। 

'कैसे पहचाने ये फेक कॉल है'
पुलिस का कहना है कि जैसे ही लोग जागरूक होने लगते हैं तो ठग ठगी का तरीका बदल देते हैं। पहले ओटीपी पूछते ही खाता खाली करते थे। फिर लिंक पर क्लिक करते ही पैसे उड़ाते थे। डबल रकम का ऑफर, ऑनलाइन शॉपिंग, क्रेडिट कार्ड के नाम पर ठगी करने वाले जालसाज अब 'इमोशनल अत्याचार' कर रहे हैं। ठग आपको आपके माता, पिता, बहन, भाई या फिर जो भी करीबी होता है। उसके नाम पर आपको फोन करते हैं। आपके अपनों के नाम पर इमोशनल करने के बाद आपका खाता खाली कर देते हैं। 
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दो मामलों से समझें 'इमोशनल अत्याचार'* 
भोपाल की फॉरच्यून सिटी में रहने वाले जगदीश के पिता को ठग ने पुलिस अधिकारी बनकर फोन कर कहा कि आपका बेटा दुष्कर्म केस में फंस गया है। आप मामले को रफा-दफा कर सकते हैं लेकिन इतने पैसे लगेंगे। पिता ने तुरंत जगदीश को फोन किया तो ठगी का मामला सामने आया है। ऐसे ही सतना के रहने वाले सुभाष के पास फोन आया कि उनकी बहन का एक्सीडेंट हो गया है। वो अकेली हैं। अस्पताल में भर्ती करवाया है। यहां इतने पैसे लग रहे हैं जल्दी भेज दो। घबराए सुभाष ने घर पर फोन किया। जांच पड़ताल के बाद पता चला कि फेक कॉल था। 

इन कलेक्टरों को ठग बना चुके निशाना 

  • पिछले दिनों साइबर ठगों ने जबलपुर, धार, सिवनी, उमरिया, शहडोल और शिवपुरी कलेक्टरों के नाम पर ठगी करने की कोशिश की थी। 7 अगस्त 2024 को जालसाजों ने कलेक्टर दीपक सक्सेना के नाम से उनके रिश्तेदार से 25 हजार की ठगी की थी।
  • 7 अगस्त को ही ‎शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र चौधरी के नाम से बने फेक वाट्सएप‎ अकाउंट से भोपाल में पदस्थ एवं तत्कालीन शिवपुरी एडीएम ‎विवेक रघुवंशी के पास मैसेज पहुंचा। हाय, हैलो का मैसेज‎ दूसरे वाट्सएप नंबर से मिला तो एडीएम रघुवंशी ने तुरंत ही ‎कलेक्टर चौधरी से उनके व्यक्तिगत नंबर पर संपर्क किया। ठगी होते होते बच गए। 
  • 7 अगस्त को धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के नाम से वाट्सएप पर अकाउंट बनाने का मामला सामने आया था। कलेक्टर मिश्रा ने तत्काल जनसंपर्क के माध्यम से जिले में अलर्ट जारी करवाया था।  इसके दो दिन पहले साइबर ठगों ने सिवनी कलेक्टर संस्कृति जैन के नाम से फर्जी वाट्सएप अकाउंट बनाकर पैसों और गिफ्ट की डिमांड की थी।  
  • शहडोल कलेक्टर तरुण भटनागर के नाम से वाट्सएप पर फर्जी आईडी बनाकर लोगों से पैसों की भी डिमांड की गई थी।  उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन की फेसबुक आईडी हैक कर लोगों से पैसों की मांग की थी। मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी साइबर फ्राड का शिकार हुए थे। उनके नाम से अज्ञात फ्राड़ ने फेसबुक आईडी बनाकर रुपए की मांग की थी।  
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