BHEL Bhopal News: सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम को 6 वर्ष में भारतीय रेलवे को 80 स्लीपर क्लास वंदे भारत ट्रेनों की आपूर्ति ऑर्डर मिला है। इस ट्रेन का कंट्रोल सिस्टम बैंगलोर और उपकरण झांसी व इसे चलाने वाली ट्रेक्शन मोटर भोपाल यूनिट में बनना शुरू हो गई हैं। टीटागढ़ वैगन्स सहयोग कर रही है।
भेल भोपाल ईडी एसएम रामनाथन ने बताया
भेल भोपाल ईडी एसएम रामनाथन ने हरिभूमि के हुई बातचीत में बताया कि बीएचईएल के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को भारतीय रेलवे के मेगा टेंडर में 80 वंदे भारत ट्रेनों के लिए ऑर्डर दिया गया है। यह ऑर्डर 23 हजार करोड़ का है। इन सभी गाड़ियों का मेंटेनेंस 35 वर्षों तक भेल को ही करना है। भेल 72 महीने में 80 ट्रेनें यानि 1280 कोच आपूर्ति करेगा।
मेल और टीटागढ़ वैगन्स प्रौद्योगिकी साझेदार
मेल और टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड प्रौद्योगिकी साझेदार हैं। कंसोर्टियम आईसीएफ चेन्नई में विनिर्माण इकाई और भारतीय रेलवे द्वारा सौंपे गए दो डिपो में उपलब्ध कराए गए विशेष स्थान को सुसज्जित, उन्नत, संचालित और रखरखाव भी करेगा। एक वंदेभारत स्लीपर ट्रेन में 16 कोच होंगे। इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है।
रेलवे से ऑर्डर मिलने के बाद भेल में काम शुरू
वहीं 35 साल तक इनका रखरखाव भी भेल को ही करना होगा। रेलवे से ऑर्डर मिलने के बाद भेल ने काम शुरू कर दिया है। भेल में कोच की फिनिशिंग का काम होगा। यहां बोगी में पहिये लगाने, एक्सेल, ट्रैक्शन मोटर लगाने समेत मेकेनिकल और पेंट के काम होंगे। जबकि बाकी काम टीटीगढ़ वैगन्स लिमिटेड करेगी।
केसरिया रंग की बनेगी अब ट्रेन
रेलवे ने पिछले दिनों वंदे भारत की नई डिजाइन और रंग जारी किया था। इसमें वंदे भारत को केसरिया रंग में दिखाया गया है। भेल अफसरों के मुताबिक झांसी में नए रंग, नई डिजाइन और आधुनिक सुविधाओं वाली वंदे भारत तैयार की जा रही है। झांसी में केसरिया वंदे भारत ट्रेन तैयार की जाएगी। ट्रेन समय से तैयार करने के लिए भेल ने अन्य कंपनियों से भी आवेदन मांगे हैं। भेल को 2025 तक रेलवे को दो ट्रेनें तैयार करके देनी हैं।