शिक्षक की गांधीगिरी: छात्रों के लिए चप्पलों की माला पहनकर 110 किमी पैदल चले, भिंड कलेक्टर को बताई परेशानी 

Bhind Teacher Protest: भिंड जिले के सीएम राइज स्कूल आलमपुर के प्रभारी प्राचार्य सुरेश माहौर बुधवार (16 अप्रैल) को चप्पलों की माला पहनकर 110 किमी पैदल चले।;

Update: 2025-04-16 15:20 GMT
Bhind Principal Suresh Mahor
शिक्षक की गांधीगिरी: छात्रों के लिए चप्पलों की माला पहनकर 110 किमी पैदल चले, भिंड कलेक्टर को बताई परेशानी।
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Bhind Teacher Protest: मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहद दयनीय है। हालात यह हैं कि सीएम राइज स्कूल की अव्यवस्था से परेशान एक प्राचार्य को चप्पलों की माला पहनकर 110 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। घटना भिंड जिले की है। यह अनोखा प्रदर्शन सीएम राइज स्कूल आलमपुर के प्राचार्य ने किया है। उन्होंने नौकरी छोड़ने की भी चेतावनी दी है।  

भिंड जिले के आलमपुर स्थित सीएम राइज स्कूल के प्रभारी प्राचार्य सुरेश माहौर ने बताया कि स्कूल में चार हजार बच्चे हैं, लेकिन उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। शिक्षक बच्चों की शिक्षा के प्रति समर्पित नहीं हैं। वह समय पर स्कूल नहीं आते और आए भी पढ़ाई में ध्यान नहीं देते। मैं यह सब नहीं देख सकता।  

नौकरी छोड़ने की चेतावनी 
प्रभारी प्राचार्य सुरेश माहौर ने बच्चों के लिए नौकरी छोड़ने तक की चेतावनी दे दी है। कहा, जिस जिम्मेदारी के लिए हमें तैनात किया गया है, हम लोग उसे ईमानदारी से नहीं निभा पा रहे हैं। हमारे पास दो ही रास्ते हैं या तो हम व्यवस्था में सुधार कर लें या फिर पद से त्याग पत्र दे दें। व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ तो मैं नौकरी छोड़ दूंगा। 

प्रतिदिन 10 किमी पदयात्रा, रास्ते में विश्राम 
प्राचार्य गले में चप्पलों की माला डालकर आलमपुर से नंगे पैर निकले हैं। वह प्रतिदिन 10 किमी चलते हैं। 5 किमी सुबह और 5 किलोमीटर शाम को। रास्ते में उचित जगह देखकर विश्राम कर लेते हैं। भोजन पानी की व्यवस्था स्थानीय लोग कर रहे हैं। भिंड पहुंचकर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को स्कूल की समस्या से अवगत कराएंगे।

प्रभारी प्राचार्य की प्रमुख मांगें 
आलमपुर सीएम राइज स्कूल के प्रभारी प्राचार्य सुरेश माहौर ने स्कल से जुड़ी 7 मांगें उठाई हैं। कहा, सभी टीचर समय पर स्कूल आएं और पढ़ाई पर फोकस करें। स्कूलों परिसर में ध्रुमपान और गुटखा सहित अन्य सभी प्रकार का नशा पूरी तरह से प्रतिबंधित हो। शिक्षकों के बीच राजनीतिक माहौल, राजनेताओं का दखल और भाई-भतीजाबाद समाप्त हो। पढ़ाई और परफॉमेंस के आधार पर शिक्षकों की ग्रेडिंग कर इंक्रीमेंट सहित अन्य सुविधाएं मिलें। शिक्षकों की अटेंडस रेगुलर हो। 
 

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