मधुरिमा राजपाल, भोपाल
31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ रविन्द्र भवन में किया गया। शुक्रवार (3 जनवरी) को आयोजित इस उद्घाटन समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी उपस्थित रहे। उन्होंने स्कूली छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान से बढ़कर प्रधानमंत्री मोदी ने इसमें जय अनुसंधान जोड़ा है और उन्होंने पूरे भारत में अनुसंधान को बढ़ावा देने का कार्य किया है। मोहन यादव ने कहा कि कोविड महामारी में भी हमारे अनुसंधान ने ही हमे बचाया है।
समाज हित में ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास
इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ अभय करंदीकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों ने ऊर्जा, क्लाइमेट चेंज, स्वास्थ्य, पोषण, तकनीकी आधारित शोध की है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की इस कार्यक्रम की मुख्य थीम आम जन जीवन के सुधार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वहीं विज्ञान भारती के अखिल भारतीय संगठन सचिव डॉ. शिव कुमार शर्मा ने कहा कि समाज हित में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में विज्ञान और संस्कृति का गहरा संबंध है।
दिन भर चले समानांतर तकनीकी सत्र एवं फेस -टू - फेस तकनीकी सत्र
इस अवसर पर 15 से ज्यादा सत्रों में मुख्य विषय स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना एवं स्वास्थ्य, पोषण और कल्याण को बढ़ावा देना था। फेस टू फेस कार्यशाला के अंतर्गत भारत के सोलरमैन कहे जाने वाले प्रो. चेतन सिंह सोलंकी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समझ बढ़ाने वाली बातों के साथ साथ अपने अनुभव भी साझा किए।
शिव तांडव एवं विष्णु के दस अवतारों पर प्रस्तुति
शाम की बेला में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा भी बिखरे गई जिसमें प्रस्तुति का शुभारंभ गणेश वंदना से हुआ। इसके बाद कथक नृत्य की प्रस्तुति ने समां बांधा। अभिलाष तिवारी ने शिव स्तुति के रूप में एकल नृत्य प्रस्तुति दी। वहीं सेमी क्लासिकल फॉर्म में नृत्य प्रस्तुति भी खास रही। इसके अतिरिक्त शिव तांडव एवं विष्णु के दस अवतारों पर आधारित प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।