Bhopal AIIMS: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दुर्लभ सर्जरी कर लिवर कैंसर से जूझ रही महिला की जान बचाई। महिला की स्थिति काफी क्रिटिकल थी। कैंसर उसके उपांग (डायफ्रॉम) तक फैल चुका था। एम्स के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम ने महिला के लिवर का दाहिना हिस्सा अलग कर दिया। ऑपरेशन के बाद महिला की हालत में सुधार है। 
 
राइट हेपेटेक्टोमी सर्जरी
लिवर के इस ऑपरेशन को राइट हेपेटेक्टोमी सर्जरी कहते हैं। एम्स भोपाल के इतिहास में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है। इसमें लीवर का दाहिने हिस्से को हटा दिया गया है।  

इन डॉक्टरों ने की सर्जरी 
सर्जरी करने वाली टीम में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार और वैस्कुलर सर्जन डॉ. योगेश निवारिया ने अहम भूमिका निभाई है। डॉ. कुमार ने बताया कि राइट हेपेटेक्टोमी एक अत्यधिक तकनीकी और सटीक प्रक्रिया है। विशेषज्ञता और उन्नत तकनीक के बिना यह असंभव है।   

सर्जरी के बाद महिला की स्थिति में सुधार 
बताया कि जिस महिला की सर्जरी की गई है, उसके लीवर में कैंसर डायफ्राम (उपांग) तक फैल चुका था। सर्जरी के बाद महिला को चिकित्सीय निगरानी में रखा गया है। फिलहाल, उसकी स्थित में सुधार है। 

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लिवर कैंसर के रोगियों में जागी उम्मीद

  • एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने सर्जरी करने वाले टीम को प्रोत्साहित करते हुए कहा, हमारे संस्थान के लिए यह गर्व का क्षण है। राइट हेपेटेक्टोमी सर्जरी की सफलता ने लिवर कैंसर के रोगियों में उम्मीद जगाई है।
  • प्रो. अजय सिंह कहा, हम नवाचार और उच्चतम मानकों के प्रति समर्पित रहकर मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा उपलब्ध कराने के प्रति संकल्पित हैं। यह सर्जरी हमारी इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 
  • एम्स भोपाल कैंसर उपचार का प्रमुख केंद्र बन रहा है। डॉक्टरों के इस प्रयास ने सिर्फ मध्य भारत में बल्कि पूरे देश में कैंसर सर्जरी में एक नया मानदंड स्थापित किया है। 
  • संस्थान का ऑन्कोलॉजी विभाग हेपटोलॉजी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी और पुनर्वास विशेषज्ञों के साथ मिलकर मरीजों के लिए विशेष उपचार योजनाएं तैयार करता है। जिससे लोगों को बेहतर इलाज मिल पाता है। यहां पर सर्जिकल, मेडिकल और रेडिएशन थेरेपी जैसी उन्नत चिकित्सा सेवाएं दी जाती हैं।