भोपाल में बड़ा बुलडोजर एक्शन: प्रशासन ने मोतीनगर में 110 दुकानें ढहाई, 384 मकान भी टूटेंगे; कांग्रेस ने किया विराेध

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Bhopal Bulldozer Action:
Bhopal Bulldozer Action: भोपाल के मोतीनगर में साल पुराने मार्केट में रविवार (9 फरवरी) को प्रशासन ने 110 दुकानों पर बुलडोजर चला दिया। प्रशासन ने 384 मकानों को भी तोड़ने की चेतावनी दी है।

Bhopal Bulldozer Action: भोपाल में रविवार (9 फरवरी) को बड़ा बुलडोजर एक्शन लिया गया है। भोपाल के मोतीनगर बस्ती में प्रशासन ने 110 दुकानों पर बुलडोजर चला दिया। प्रशासन रविवार सुबह 5 बजे ही बस्ती में पहुंच या और पूरे इलाके को सील कर दिया। चारों ओर एक किलोमीटर तक बैरिकेडिंग जिससे कोई अंदर न आ सके। इसके बाद दुकानों पर बुलडोजर चलाना शुरू किया। प्रशासन ने पहले ही लोगों को चेतावनी दी थी कि वह अपने सामान हटा लें। कांग्रेस ने इस बुलडोजर एक्शन का विरोध किया है। वहीं, प्रशासन ने कहा है कि बस्ती के 384 मकानों को भी तोड़ा जाएगा।

1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात
इस कार्रवाई को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। करीब 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कार्रवाई में 10 जेसीबी, 2 पोकलेन, 25 डंपर, 10 ट्रैक्टर ट्राली और 50 लोडिंग गाड़ियां लगाई गई हैं। सुभाषनगर ब्रिज को भी बंद कर दिया गया है ताकि कोई प्रदर्शन न कर सके। इतना ही नहीं, मीडिया को भी इस इलाके में जाने की अनुमति नहीं दी गई है।

कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला नजरबंद
इस बुलडोजर एक्शन का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने प्रशासन को ज्ञापन देकर बस्ती खाली न कराने की अपील की थी। लेकिन प्रशासन अपने फैसले पर अडिग रहा। कार्रवाई के दौरान हंगामा होने की आशंका के चलते पुलिस ने मनोज शुक्ला को उनके घर में नजरबंद कर दिया। कांग्रेस का कहना है कि यह गरीबों के साथ अन्याय है। प्रशासन इस तरह से 40 साल पुराने मार्केट की दुकानों को नहीं ढ़हा सकता। इससे लोगों की आजीविका पर संकट पैदा हो जाएगा।

प्रशासन ने कहा- 384 मकान भी होंगे ध्वस्त
प्रशासन ने कहा है कि बुलडोजर एक्शन का अगला चरण और भी बड़ा होने वाला है। प्रशासन अब जल्द ही 384 मकानों को भी ढहाएगा। ये सभी मकान रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए हैं। प्रशासन ने 6 फरवरी को ही लोगों को चेतावनी दी थी कि वह अपने घरों को खाली कर दें। कई लोगों ने स्वेच्छा से अपना सामान हटा लिया था। हालांकि, अब भी कुछ लोग यहां से नहीं गए हैं। ऐसे में प्रशासन ने कहा है कि इन लोगों के सामान को अगर नुकसान होता है तो प्रशासन इसका जिम्मेदार नहीं होगा।

प्रशासन ने पूरे इलाके को सील किया
कार्रवाई के दौरान सुभाषनगर ब्रिज को पूरी तरह सील कर दिया गया। प्रशासन को आशंका थी कि यहां से प्रदर्शनकारी कोई उपद्रव कर सकते हैं। इसलिए ब्रिज के दोनों छोर पर पुलिस तैनात कर दी गई है। यही नहीं, आसपास की गलियों और सड़कों को भी बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया है। मोतीनगर बस्ती की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

प्रशासन ने क्यों लिया यह बड़ा फैसला?
बता दें कि सुभाषनगर ब्रिज की तीसरी लेन बनने वाली है। इसके साथ ही रेलवे ट्रैक के विस्तार की भी योजना है। यही वजह है कि यह अतिक्रमण हटाया जा रहा है। रेलवे ने इस इलाके को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया था। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई कानूनी रूप से सही है। इसे किसी भी कीमत पर रोका नहीं जा सकता। लोगों को पहले ही नोटिस दिया गया था। हालांकि इसके बाद भी कुछ लोग विरोध कर रहे हैं।

बुलडोजर के आगे बस्ती के लोग बेबस
बस्ती के कई लोग इस बुलडोज एक्शन से बेघर हो गए हैं। दुकानदारों में भी भारी आक्रोश है। कई लोगों का कहना है कि उनके पास कोई दूसरा ठिकाना नहीं है। कांग्रेस इसे गरीबों के खिलाफ कार्रवाई बता रही है। वहीं, प्रशासन इसे कानूनी कार्रवाई करार दे रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार के इस एक्शन के बाद उनके पास रोजी-रोजगार का संकट पैदा हो जाएगा।

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