Bhopal Guest Teachers Protest: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नियमितीकरण के लिए आंदोलन कर अतिथि शिक्षकों पर पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया फिर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि पार्क की लाइट बंद कर अंधेरे में उनकी पिटाई की गई है। ताकि, आरोपी पुलिसकर्मियों को पहचाना न जा सके। विरोध प्रदर्शन के दौरान भोपाल पुलिस का एक विवादित बैनर भी सामने आया है, जिसमें शिक्षकों पर गोली चलाने की बात लिखी गई थी।
पुलिस ने रात आठ बजे के करीब अतिथि शिक्षकों पर लाठी चार्ज किया है। घटना के बाद ही शिक्षकों की पिटाई के यह वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे। वायरल वीडियो में शिक्षकों चीख-पुकार भी साफ सुनाई दे रही है। लाठी चार्ज के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षक वापस लौट गए।
दरअसल, अतिथि शिक्षकों बुधवार को गांधी जयंती पर भोपाल के आंबेडकर मैदान में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था। इस दौरान उन्होंने मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के बयान का जवाब देते हुए नारे लगाए कि ‘कब्जा करने आए हैं और कब्जा करके जाएंगे। पुलिस उन्हें धरना समाप्त करने की समझाइश देती रही, लेकिन वह नहीं माने। बुधवार दोपहर पुलिस ने बैनर लगाकर प्रदर्शनकारी शिक्षकों को बलवाई बताते हुए गोली मारने की चेतावनी दी। अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन इसके बाद भी जारी रहा। देर शाम वह सीएम हाउस का घेराव करने जाने लगे तो पुलिस ने रोकने बेरिकेड्स लगा दिए। इस दौरान पुलिस और शिक्षकों के बीच जमकर झड़प और धक्कामुक्की हुई। रात 8 बजे पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर दिया।
गलियों में भागे अतिथि शिक्षक
अतिथि शिक्षकों ने बताया कि पुलिस ने पहले मैदान के आसपास की लाइटें बंद की और फिर उन पर लाठियां बरसाने लगी। लाठीचार्ज के दौरान अतिथि शिक्षक सुंदर कांड का पाठ कर रहे थे। बल प्रयोग होते ही शिक्षक अलग-अलग रास्तों से भागने लगे। पुलिस उनके पीछे दौड़ती रही। जो पकड़ में आ गया उसकी जमकर पिटाई की।
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एसीपी बोले बिना परमिशन प्रदर्शन
भोपाल पुलिस के सहायक आयुक्त चंद्रशेखर पांडेय ने बताया, टीटी नगर थाने में चार नामजद सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह लोग बिना अनुमति प्रदर्शन कर रहे थे। विवादित बैनर हटा दिया गया था। बेवजह इसे तूल दिया जा रहा है। इसका आशय गोली मारने का कतई नहीं था।