भोपाल (वहीद खान): राजधानी भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से मेट्रो को एम्स तक चलाने के लिए मंगलवार को हबीबगंज चौराहा क्रांसिंग पर रेलवे लाइन के ऊपर से स्टील ब्रिज डाला गया। यह ब्रिज दिसंबर 2023 में राजस्थान के अलवर से आया था, लेकिन रेलवे से ब्लॉक (रेल का ट्रैफिक रोकने) का समय नहीं मिलने के चलते ब्रिज को अब चढ़ाया गया है। अब डीआरएम दफ्तर की तरफ इसे सीमेंट के गर्डर से जोड़कर मेट्रो रूट का काम आगे बढ़ाया जाएगा।
राजधानी में सुभाष नगर से एम्स के बीच मेट्रो दौड़ाने के लिए मंगलवार को रानी कमलापति स्टेशन के पास रेलवे ट्रेक के ऊपर स्टील का ओवरब्रिज खड़ा कर दिया गया। अब इसे डीआरएम ऑफिस स्टेशन से जोड़ने के लिए सड़क के ऊपर एक और ब्रिज बनाया जाएगा।
इधर, आरकेएमपी स्टेशन से रेलवे ओवरब्रिज को सीसी गर्डर से जोड़ा जाएगा। इन कामों में एक महीने का समय लग सकता है। इसके बाद आरकेएमपी से डीआरएम ऑफिस स्टेशन होते हुए एम्स तक मेट्रो के संचालन का रास्ता साफ हो जाएगा।
ब्रिज की वजह से बार-बार बढ़ाना पड़ी डेडलाइन
मेट्रो रेल कारपोरेशन को ब्रिज बनाने की जरूरत वहां पड़ रही है, जहां रेलवे लाइन के ऊपर से ट्रैक बिछाना है। ब्रिज की जरूरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह तैयार न होने की वजह से मेट्रो का काम पूरा नहीं हो पा रहा है। जिसको लेकर 4 बार काम की डेडलाइन बढ़ाई जा चुकी है। अब अगले साल सितंबर की डेडलाइन तय की गई है। इसकी वजह यह है कि आरकेएमपी से डीआरएम ऑफिस के बीच में रेलवे लाइन है। इसके ऊपर निर्माण नहीं किया जा सकता है। ऐसे में स्टील ब्रिज लाइन के ऊपर खड़ा करना पड़ा है। अब इस पर फाउंडेशन तैयार कर ट्रैक बिछाया जाएगा।
3 घंटे में पिलर पर चढ़ाया ब्रिज
मंगलवार को मेट्रो का काम देखने वाली टीम ने स्टील ब्रिज को चढ़ाने की तैयारी कर ली थी, जिसके तहत रेलवे से 3 घंटे का ब्लॉक मिलने से इसे 75 हॉर्स पावर की मशीनों की मदद से ऊपर रखा गया। स्टील ब्रिज का वजन करीब 400 मीट्रिक टन और लंबाई 65 मीटर है, जबकि ब्रिज की चौड़ाई 15 मीटर और 14 मीटर ऊंचाई रखी गई है।