Bhopal Metro Rail Project: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो ट्रेन संचालन के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। यहां मेट्रो का संचालन सोलर एनर्जी से होगा। मेट्रो परिसर में इसके लिए ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन-पाइंट भी बनाए जा रहे हैं।
केंद्र सराकर ने बदलती स्थितियों के अनुसार, भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के निर्माण व संचालन में बदलाव के लिए नई गाइडलाइन तय की है। इसमें बिजली सप्लाई, अंडरग्राउंड सिस्टम, लिफ्ट, टनल वेंटिलेशन व पर्यावरणीय प्रबंधन से जुड़े नियमों में बदलाव भी शामिल हैं।
भोपाल मेट्रो में अग्नि सुरक्षा के उपाय अंतरराष्ट्रीय मानकों की बजाय राज्य सरकार के नियमों के तहत किए जाएंगे। साथ ही अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन में टनल वेंटिलेशन का काम जियोग्राफिक लोकेशन के अनुसार होगा।
Bhopal Metro Rail Project में होंगे यह बदलाव
- लिफ्ट को स्टार्टर की बजाय वीएफडी सिस्टम से संचालित किया जाएगा। ताकि, अनियमित पॉवर आपूर्ति पर भी लिफ्ट बंद न हो।
- ई-व्हीकल पार्किंग एरिया विकसित किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय रेट पर अलग बिजली कनेक्शन लिया जाएगा। ताकि, मेट्रो का खर्चा कम रहे।
- बिजली आपूर्ति में अनियमितता के चलते एलईडी लाइट्स 140 ल्यूमिन की होगी, ताकि बल्ब खराब न हों।
- कोच और स्टेशन पर ऑक्यूपेंसी सेंसर लगाए जाएंगे, लेकिन इनके मैन्यूअली संचालन की व्यवस्था भी की जाएगी।
- फायर डिटेक्शन एंड अलार्म सिस्टम राज्य सरकार के फायर सेफ्टी नियमों के अनुसार होंगे।
- पर्यावरणीय नियंत्रण सिस्टम भी पीसीबी के नियमों के अनुसार होंगे।
- केबल में एंटी कोरोसिव ट्रीटमेंट होगा।
- बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम स्काडा की बजाय सामान्य संचालन की तरह होगा।
- टनल वेंटिलेशन में अमेरिकन और ब्रिटिश स्टैंडर्स का पान किया जाएगा, लेकिन इसकी बजाय नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया के तहत ही काम होगा।
भोपाल में बनेंगे 42 हजार उपकरण
मेट्रो के तमाम उपकरण भारतीय स्थितियों और मानकों के अनुसार होंगे। साथ ही कोशिश होगी कि इनसे जुड़े नए उद्यम शुरू हों। मेट्रो के लिए जरूरी करीब 42 हजार उपकरण भोपाल में बनाए जाएंगे। इसमें 5000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है।
लोकल परिस्थितयों के अनुसार डेवलपमेंट
भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के एमडी सीबी चक्रवर्ती ने बताया कि भोपाल मेट्रो को लोकल स्थितियों और परिस्थितियों के अनुसार ही विकसित की जा रही है। शासन के निर्देश के अनुसार मानक और नियमों के तहत ही काम पूरा किया जा रहा है।