कामगार क्रांति आंदोलन: भोपाल में आउटसोर्स कर्मचारियों का हल्ला बोल, प्रदेशभर से जुटे हजारों लोग 

Outsourced employees Strict laws in UP
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यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सख्त कानून, सुरक्षित होगा भविष्य।
मध्यप्रदेश में कर्मचारियों ने आउटसोर्स के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार, 22 सितंबर को भोपाल में हजारों कर्मचारी नौकरी की सुरक्षा और 21 हजार न्यूनतम वेतन के लिए आंदोलन कर रहे हैं।

Outsource Employees Protest: मध्यप्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों व कार्यालयों में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे कर्मचारी रविवार को राजधानी भोपाल में शक्ति-प्रदर्शन करेंगे। प्रशासन ने उन्हें शनिवार देर शाम भोपाल के नीलम पार्क में विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी है। कार्यक्रम में प्रदेशभर से हजारों कर्मचारियों के पहुंचने की उम्मीद है।

विरोध प्रदर्शन के लिए चौकीदार, भृत्य, पंप ऑपरेटर, सफाईकर्मी, स्कूल, कॉलेज, छात्रावासों के अंशकालीन व अस्थाई कर्मचारी, निगम मंडल, नगरीय निकाय और सहकारिता के आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों के वार्ड व्याय, सुरक्षाकर्मी, मंडी, सहकारी बैंकों, आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक, व्यावसायिक प्रशिक्षकों सहित सभी अन्य विभागों के अस्थाई, आउटसोर्स कर्मचारी शामिल होंगे।

आउटसोर्स कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांगें
आउटसोर्स, अस्थायी, अंशकालीन, पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के वासुदेव शर्मा ने बताया कि यह आंदोलन नौकरी में सुरक्षा और न्यूनतम मानरदेय 21 हजार रुपए करने की मांग को लेकर किया जा रहा है। रोजगार देने में असफल सरकार के खिलाफ कामगार क्रांति आंदोलन का आगाज किया गया है।

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