भोपाल रामगंजमंडी रूट: MP-राजस्थान की दूरी होगी कम, सिविल वर्क शुरू, 2025 तक दौड़ेगी ट्रेन, कोटा-राजगढ़ सहित इन जिलों को फायदा 

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Bhopal Ramganj Mandi route: पश्विम मध्य रेलवे की जीएम शोभना बंदोपाध्याय ने बुधवार को भोपाल मंडल के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की समीक्षा की। सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने बताया, रामगंजमंडी प्रोजेक्ट व तीसरी लाइन व भोपाल स्टेशन के विस्तार की जानकारी साझा की।

Bhopal Ramganj Mandi route: पश्चिम मध्य रेलवे भोपाल-रामगंजमंडी रूट पर अगले साल तक ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है। भोपाल के अफसरों ने इसके लिए बुधवार को महाप्रबंधक की उपस्थिति में प्रजेंटेशन देकर प्राजेक्ट से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई। कहा, भोपाल-रामगंजमंडी रूट पर ट्रेन शुरू होने से मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच का सफर काफी आसान हो जाएगा।

तीसरी रेललाइन के कमीशनिंग का कार्य
रेल अधिकारियों ने इस दौरान भोपाल जंक्शन के विस्तार और बरखेड़ा और बुधनी होकर रानी कमलापति स्टेशन तक आने वाली तीसरी रेललाइन के कमीशनिंग के कार्य की भी जानकारी दी। कहा, तीसरी लाइन से महाराष्ट्र और यूपी के रास्ते भोपाल होकर गुजरने वाले ट्रेनों की रफ्तार में तेजी आएगी।

भोपाल स्टेशन का विस्तार भी इसी साल
प्रेजेंटेशन के दौरान पश्विम मध्य रेलवे की जीएम शोभना बंदोपाध्याय भी मौजूद रहीं। सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने बताया कि रामगंजमंडी प्रोजेक्ट व तीसरी लाइन के अलावा भोपाल स्टेशन का विस्तार भी इसी साल करना है। यह काम अमृत भारत डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है।

सिंगल इलेक्ट्रिक ट्रैक पर दौड़ेंगी ट्रेन
सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने बताया, रामगंजमंडी से झालावाड़ होते हुए ट्रेन सिंगल इलेक्ट्रिक ट्रैक पर दौड़ेंगी। इसमें झालावाड़, जूनाखेड़ा, अकलेरा, घाटोली, भोजपुर, खिलचीपुर, राजगढ़, श्यामपुर, बैरागढ़ और भोपाल पड़ेंगे। भोपाल में पहले यह लाइन निशातपुरा और डीआइजी बंगले से होकर निकलने वाली थी, लेकिन अब प्रोजेक्ट में परिवर्तन किया गया है।

भोपाल में सिविल वर्क शुरू
पश्चिम मध्य रेलवे की जीएम शोभना बंदोपाध्याय ने बताया, भोपाल-रामगंजमंडी रूट के लिए सिविल वर्क शुरू हो गया है। भूमिआवंटन भी हो गया है। 2025 तक इस रूट पर ट्रैफिक चालू करने का प्रयास हैं।

पांच जिलों को सीधा फायदा
भोपाल-रामगंजमंडी रूट से मध्य प्रदेश के भोपाल, सीहोर और राजगढ़ के साथ राजस्थान के कोटा और झालावाड़ जिले को सीधा लाभ होगा। इन जिलों की कनेक्टविटी बढ़ने से न सिर्फ आवागमन आसान होगा, बल्कि व्यापार व्यवसाय भी समृद्ध होगा। किसान अपनी उपज व अन्य उत्पाद बड़े शहरों तक पहुंचा सकेंगे।

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