Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि के 7वें दिन गुरुवार को भोपाल के सिंधी कॉलोनी स्थित दुर्गा मंदिर की महिमा, महत्व और मान्यता से रूबरू करा रहे हैं। बैरसिया रोड स्थित मां दुर्गा के दरबार में भक्तों की हर मुराद पूरी होती हैं। इस मंदिर के निर्माण के लिए श्रद्धालु ने काफी संघर्ष किया है। कई लोग इसके लिए जेल भी गए। यह मंदिर सिंधी समाज के आस्था का भी प्रमुख केंद्र है। लोग यहां नौकरी और संतान प्राप्ति की मन्नत लेकर आते हैं।
मंदिर के लिए काटी जेल
मंदिर के पुजारी घनश्याम दुबे ने बताया, दुर्गा मंदिर की बाहरी डिजाइन रथाकार है। इसमें दुर्गा माता के साथ भगवान भोलेनाथ, हनुमान जी और भगवान झूलेलाल की प्रतिमा भी विराजी है। मंदिर बनवाने के लिए कई लोगों को जेल जाना पड़ा था।
नवरात्रि पर सजाते थे झांकी
पुजारी घनश्याम दुबे ने बताया, करीब 36-37 साल पहले इस जगह नवरात्रि पर हर साल झांकी सजाई जाती थी। माता रानी ने प्रेरणा दी मंदिर का निर्माण कराया। मंदिर के निर्माण में सिंधी समाज के लोगों ने काफी सहयोग किया है। यहां आसपास पहले कोई अन्य देवी मंदिर नहीं था।
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भोपाल बंद कराना पड़ा था
मंदिर निर्माण शुरू किया तो पुलिस व प्रशासन ने उसे रोकना चाहा। प्रशासन के विरोध करने पर श्रद्धालु भड़क उठे। तब संघ नेता उत्तमचंद इसराणी की अगुवाई में आंदोलन हुआ। भोपाल बंद कराना पड़ा था। उस समय कई लोग जेल भी गए। बाद में प्रशासन को अनुमति देना पड़ी। साल 1991 में मंदिर का निर्माण शुरू हुआ।
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सच्चे मन से मांगी मुरादें होती हैं पूरी
श्रद्धालु स्वाति सेजवानी ने बताया, सच्चे मन से अर्जी लगाने पर माता रानी जरूर सुनती हैं। हमारे घर-परिवार में कभी कोई दिक्कत परेशानी होती है तो माता रानी से ही प्रार्थना करते हैं। माता हमारी समस्याओं का अंत कर देती हैं। शुभ कार्य की शुरुआत से भी पहले भी मातारानी का आशीर्वाद लेने की परंपरा है।