भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनेस्को की साहित्य नगरी के रूप में पहचान दिलाने की कोशिश हो रही है। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत और नैसर्गिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध भोपाल को यूनेस्को में विश्व की साहित्य नगरी के रूप में पहचान दिलाई जाएगी। भोपाल को साहित्य सृजन, संरक्षण और संवर्धन के श्रेत्र में वैश्विक पहचान मिलेगी।
धमेंद्र सिंह लोधी ने मुल्ला रामूजी संस्कृति भवन में यूनेस्को की क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में भोपाल को साहित्य के क्षेत्र में नामित करने के प्रस्ताव पर आयोजित हितधारक संगोष्ठी को संबोधित किया।
महापौर ने किए एप्लीकेशन और डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर
राज्य मंत्री धमेंद्र लोधी ने कहा कि भोपाल के साहित्य और साहित्यकारों को वैश्विक मंच मिलेगा। साथ ही भोपाल के शैक्षणिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को गति मिलेगी। इस अवसर पर महापौर भोपाल मालती राय ने भोपाल को साहित्य के श्रेत्र में नामित किए जाने के लिए एप्लीकेशन और डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर किए। महापौर मालती राय ने कहा कि यूनेस्को द्वारा भोपाल को साहित्य नगरी घोषित किए जाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इस उपलब्धि से भोपाल शहर का गौरव बढ़ेगा।
क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में शामिल 39 देशों के 53 शहर
प्रमुख सचिव संस्कृति, पर्यटन और प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि यूनेस्को की क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में भोपाल का साहित्य के क्षेत्र में नामित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे भोपाल की साहित्यिक विरासत दुनिया के सामने आएगी। यूनेस्को ने साहित्य के क्षेत्र में 39 देशों के 53 शहरों को क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में शामिल किया है। पिछले साल केरल के कोझिकोड शहर को यूनेस्को ने साहित्य के क्षेत्र में शामिल किया गया था। इस अवसर पर शहर के जाने-माने साहित्यकार भी बैठक में मौजूद थे।