भोपाल। जवाहर बाल भवन में सोमवार से पर्यावरण शिक्षा के अंतर्गत सतत जीवन शैली पर आधारित तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। जिसमें प्रथम दिवस बच्चों को जलवायु परिवर्तन एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (सालिड वेस्ट मेनेजमेंट) के बारे में बताया गया। प्रभारी परवीन निसा खान ने बच्चों को जलवायु परिवर्तन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन का तात्पर्य दशकों, सदियों या उससे अधिक समय में होने वाली जलवायु में दीर्घकालिक परिवर्तनों से है। यह मुख्य रूप से जीवाष्म इंधन (जैसे कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस) को जलाने के कारण पृथ्वी के वातावरण में तेजी से बढ़ती ग्रीनहाउस गैसों के कारण होता है।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की जानकारी दी
वहीं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। जनसंख्या बढ़ने से अपशिष्ट की मात्रा बढ़ती है, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन चर्चा में इसलिए है क्योंकि भारत सहित कई देश बढ़ते कचरे के कुशलतापूर्व निपटान की चुनौती का सामना कर रहे हैं। कार्यशाला के बाद बच्चों को इको फ्रेंडली पेपर बैग बनाने का प्रशिक्षण दिया गया तथा बच्चों के लिये पर्यावरण जागरूकता के लिये प्रश्नमंच का आयोजन भी किया गया।