Bribery Case: उज्जैन में लोकायुक्त की कार्रवाई से PHE विभाग में हड़कंप मच गया। बुधवार को लोकायुक्त ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) की सहायक यंत्री को 60 हजार की घूस लेते रंगे हाथ दबोच लिया है। पीएचई विभाग के ठेकेदार से 10 लाख रुपए का बिल पास करने के बदले महिला अधिकारी ने घूस मांगी थी। ठेकेदार ने दो टंकी और नल जल योजना के काम किए हैं। इसका बिल 2020 से अटका है।
जानें पूरा मामला
जल जीवन मिशन योजना के तहत 2020 में अक्षय पाटीदार ने घट्टिया तहसील के गांवों में काम का ठेका लिया था। कोरोना की वजह से काम समय सीमा में पूरा नहीं हो पाया। चार महीने की देरी होने पर पीएचई विभाग ने 10 लाख रुपए का बिल रोक रखा था। ठेकेदार बिल पास कराने के लिए विभाग के गऊघाट ऑफिस में चक्कर काट रहा था। विभाग में पदस्थ सहायक यंत्री निधि मिश्रा ने अधिकारी के नाम पर 50 हजार रुपए और खुद के लिए 10 हजार की घूस मांगी। ठेकेदार ने 1 जुलाई को लोकायुक्त से शिकायत की।
शिकायत के बाद बनाया प्लान
ठेकेदार की शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस महिला अधिकारी को पकड़ने के लिए प्लान बनाया। पुलिस के बताए अनुसार, बुधवार को ठेकेदार ने ऑफिस पहुंचकर सहायक यंत्री को 60 हजार रुपए दिए। पैसे लेने के बाद महिला अधिकारी ने टेबल की दराज में रख लिए। तभी लोकायुक्त टीम पहुंची और दबोच लिया।
अधीक्षण यंत्री का नाम भी आया सामने?
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक, आरोपी निधि मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। ठेकेदार अधीक्षण यंत्री का नाम भी ले रहा है, लेकिन रिश्वत की मांग के लिए की गई वॉइस रिकॉर्डिंग की जांच की जाएगी। किसी और का नाम आता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।