Bharat Bandh: SC-ST आरक्षण के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठन सड़कों पर उतरे हैं। मध्यप्रदेश में भी भारत बंद का असर दिख रहा है। ग्वालियर में कई स्कूलों ने बुधवार को छुट्टी घोषित की है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन सहित कई जिलों में स्कूल खुले हैं। भोपाल में पुलिस पूरी तरह सतर्क है। इधर गृह विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों, पुलिस कमिश्नरों और एसपी को कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
छतरपुर में लाठी चार्ज
छतरपुर में बाजार बंद कराने निकले प्रदर्शनकारी एक दुकान में जबरदस्ती घुसने की कोशिश करने लगे। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान दोनों पक्षों में झूमा-झटकी हो गई। हालात बिगड़ते देख CSP अमन मिश्रा और TI अरविंद कुजूर ने मोर्चा संभाला और हलका बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा।
ग्वालियर में स्कूलों की छुट्टी, पुलिस ने संभाला मोर्चा
ग्वालियर में बंद का असर है। कई स्कूलों ने आज छुट्टी घोषित की है। कलेक्टर ने मंगलवार रात से ही जिले में धारा 144 के आदेश लागू कर दिए थे। पुलिस भी मोर्चा संभाले हुए है। सीएसपी ने फूलबाग चौराहे पर पहुंचकर पुलिस जवानों को बंद से निपटने की समझाइश दी है। पांढुर्णा में बाजार पूरी तरह बंद हैं। सतना-भिंड में बंद समर्थकों ने रैली निकाली। ग्वालियर में आज कई स्कूल बंद हैं।
उज्जैन में झूमा-झटकी
उज्जैन में संगठनों के सदस्यों और एक दुकानदार के बीच झूमा-झटकी हो गई। टावर चौक में बाजार बंद कराने पहुंचे कराने पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने दुकान बंद करने की बात कही तो दुकानदार ने इनकार कर दिया। इस पर बंद समर्थक दुकान का काउंटर धकेलने लगे। दुकानदार ने आपत्ति जताई। दोनों के बीच बहस होने लगी। लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।
डिंडौरी में स्कूल-कॉलेज खुले, दुकानें बंद
मुरैना में बंद का असर कम दिख रहा है। अभी कुछ दुकानें खुली हैं तो कुछ बंद हैं। मुख्य चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में स्कूल खुले हैं। दुकानें भी खुल रही हैं। खंडवा में बाजार पूरी तरह खुल चुका है। डिंडौरी में मार्केट की कुछ दुकानें बंद हैं। स्कूल-कॉलेज खुले हैं। सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर चौक-चौराहे में पुलिस भी मौजूद है।
इन्होंने बंद का किया समर्थन
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने बंद को समर्थन देने का ऐलान किया। धार की मनावर सीट से कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा और भांडेर से कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया इस बंद के समर्थन में हैं। पुलिस-प्रशासन बंद को लेकर अलर्ट है। भांडेर से कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि हम इस बंद का समर्थन करें लेकिन ये याद रखें कि शांतिप्रिय संवैधानिक रास्ता अपनाएं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ ने 1 अगस्त को यह फैसला सुनाया कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के भीतर राज्य सब कैटेगरी बना सकते हैं। इस फैसले के बाद NACDAOR (National Confederation of Dalit and Adivasi Organisations) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया है। संगठन का कहना है कि यह फैसला आरक्षण के मौजूदा ढांचे को कमजोर करता है। यह वंचित वर्गों को और पीछे धकेलने की कोशिश है।
क्या है NACDAOR की मांगें?
NACDAOR ने सरकार से मांग की है कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को अस्वीकार करे और संविधान की नौवीं अनुसूची के तहत एक नया केंद्रीय कानून बनाए, जिससे न्यायिक समीक्षा से बचा जा सके। इसके अलावा, NACDAOR ने सरकार से एससी/एसटी/ओबीसी कर्मचारियों पर जाति-आधारित डेटा जारी करने की मांग की है ताकि सरकारी सेवाओं में इन वर्गों का सही प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।