BJP Membership Campaign: भारतीय जनता पार्टी ने कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में ढाई लाख से ज्यादा सदस्य बनाए हैं। इंदौर के बाद सर्वाधिक सदस्य बनाने वाला यह दूसरा जिला है। करीब 87 हजार 647 सदस्य अकेले छिंदवाड़ा विधानसभा में बने हैं। जो कि कमलनाथ का विधानसभा क्षेत्र है। भाजपा की इस परफारमेंस से उनकी टेंशन बढ़नी तय हैद।
दरअसल, छिंदवाड़ा कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है। 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां की सभी आठों सीटें कांग्रेस ने जीती थी। नगर निगम, जिला पंचायत में भी कांग्रेस का ही कब्जा था। यही करण है कमलनाथ छिंडवाड़ा को देश का इकलौता भाजपामुक्त जिला बताया करते थे, लेकिन पिछले एक साल में यहां सब कुछ बदल गया है। पहले लोकसभा और फिर अमरवाड़ा विधानसभा में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। उसके निर्वाचित प्रतिनिधियों ने भी भाजपा का दामन थाम लिया।
छिंदवाड़ा में विधानसभावार लक्ष्य और भाजपा के नए सदस्य
विधानसभा क्षेत्र | लक्ष्य | बने सदस्य |
छिंदवाड़ा | 81734 | 87647 |
चौरई | 65249 | 51495 |
अमरवाड़ा | 70134 | 54270 |
जुन्नारदेव | 68590 | 41411 |
परासिया | 68172 | 34415 |
सौंसर | 62929 | 31593 |
पांढुर्ना | 65810 | 27857 |
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सदस्यता अभियान में भी बढ़ाई ताकत
चुनावों में शिकस्त देने के बाद भाजपा ने संगठन स्तर पर भी कांग्रेस को मात दे रही है। छिंदवाड़ा में कांग्रेस का सबसे सक्रिय और अनुशासित संगठन था, लेकिन अब ऐसा नहीं दिखता। भाजपा ने जिस तरीके से अपनी सदस्य संख्या बढ़ाई है, अगले चुनाव में कांग्रेस के समक्ष मुश्किल खड़ी हो सकती है।
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पांढुर्ना जिले में 59,450 सदस्य बने
भाजपा ने लोकसभा चुनाव में मिले वोटों के 75 फीसदी यानी 3 लाख 57 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन 25 सितंबर तक 2,69,235 सदस्य ही बन पाए हैं। सदस्यता के मामले में पांढुर्ना जिला फिसड्डी साबित हुआ। यहां 1,26,500 के लक्ष्य के मुताबिक, 59,450 सदस्य बने हैं। यहां कम सदस्यता का मूल कारण नेताओं की आपसी गुटबाजी मानी जा रही है। पार्टी ने दूसरे चरण में सदस्य संख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।