helpless children cruelty in Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में बेसहारा बच्चों को सहारा देने वाली संस्था का अमानवीय चेहरा समाने आया है। कर्मचारियों ने यहां 4 साल के मासूम बच्चे को उल्टा लटकाकर न सिर्फ उसके साथ बेरहमी पूर्वक पिटाई की, बल्कि गर्म चिमटे से भी दागा। दो दिन भूखे पेट रखा और घंटों बाथरूम में बंद रखा। बर्बरता की यह कहानी बच्चों ने बाल कल्याण समिति के समक्ष बयां की है। बताया कि ऐसी घटनाएं उनके साथ आए दिन होती थीं।
मैनेजर सुजाता सहित चार कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज
वात्सल्यपुरम आश्रम इंदौर के विजय नगर में बिना अनुमति व रजिस्ट्रेशन के संचालित था। मामला सामने आने के बाद इसे सील कर बच्चों को अन्य आश्रम में शिफ्ट किया गया है। विजय नगर पुलिस ने बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल की शिकायत पर आश्रम की मैनेजर सुजाता, आयुषी, आरती, बबली और सुमन चंदेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जूनी इंदौर एसडीओ घनश्याम धनगर के नेतृत्व में आश्रम की जांच की गई थी।
महिलाओं को सौंप दिए गए थे रत से लाए गए बच्चे
बालिकाओं ने पूछताछ में बताया कि राजकीय आश्रम में निवासरत एक बालिका के साथ 6 से 9 माह के दो बालक समर व संस्कार को सूरत से आश्रम लाया गया था। दो-तीन माह रखने के बाद एक कर्मचारी ने उन्हें दो महिलाओं को सौंप दिया था। कुछ बच्चों को सूरत वाली संस्था में भेज दिया गया तो शेष कहां हैं, यह जानकारी नहीं है।
बालिकाओं ने बयां की बर्बरता की कहानी
समिति अध्यक्ष पोरवाल व उनकी टीम को बालिकाओं ने बताया आश्रम के कर्मचारी बालकों से निर्ममतापूर्वक मारपीट करते थे। एक बार साड़ी से बांधकर लटकाया था और नीचे लाल मिर्ची की धूनी दी गई थी। बालक को नीचे फेंक दिया था। एक बालिका को गर्म चिमटा दागा था। 4 वर्षीय बालिका को कई घंटे बाथरूम में बंद रखा और दो दिन तक खाना नहीं दिया। दो-तीन दिन पुराना बासी खाना व फल दिए जाते थे। बच्चों से पैर दबवाए जाते थे। पोरवाल ने शिकायत में बालिकाओं की मानसिक, शारीरिक प्रताड़ना, पाक्सो, मानव तस्करी व अन्य बिंदुओं पर जांच कर वैधानिक कार्रवाई करने को कहा था।